मुंबई: ‘गेटवे ऑफ इंडिया’ पर प्रदर्शन रैली के दौरान ‘कश्मीर की आजादी' वाले विवादित पोस्टर लहराने वाली महिला महक मिर्जा प्रभु के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. जेएनयू परिसर में रविवार रात को हुई हिंसा के खिलाफ सोमवार को प्रदर्शन के दौरान महक मिर्जा ने ‘‘फ्री कश्मीर” वाले संदेश का पोस्टर लिया हुआ था, जिसके बाद वह सुर्खियों में आ गईं.
कोलाबा पुलिस ने बगैर अनुमति के गेटवे ऑफ इंडिया पर प्रदर्शन को लेकर भी एफआईआर दर्ज की है. इस एफआईआर में उमर खालिद समेत 31 लोगों का नाम है. इस मुद्दे पर महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि जेएनयू में छात्रों पर हुए हमले के विरोध में गेटवे ऑफ इंडिया पर प्रदर्शन कर रहे लोगों से अपना प्रदर्शन आजाद मैदान ले जाने के लिए कहा गया क्योंकि ब्रिटिश काल की यह धरोहर प्रदर्शन का स्थान नहीं हैं.
महक मिर्जा की सफाई
'फ्री कश्मीर' लिखे पोस्टर को लेकर महक मिर्जा ने सफाई दी. उन्होंने कहा कि वह महज केंद्र शासित प्रदेश में लगे प्रतिबंधों को हटाने की मांग कर रही थी. उसने कहा कि इस मामले को ज्यादा गंभीरता से लिया गया है. उन्होंने कहा, “इसके असर को और इसके चलते हुए विवाद को नहीं समझ पाने की अगर मुझसे भूल हुई तो मैं माफी मांगती हूं. मैं एक कलाकार हूं जो मानवीय करुणा में यकीन रखती है. प्रेम की शक्ति की नफरत पर जीत होनी चाहिए.”
कई छात्रों, आम नागरिकों और कार्यकर्ताओं ने दक्षिणी मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया पर हुई प्रदर्शन रैली में हिस्सा लिया था. विवादित पोस्टर पर बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि ऐसे अलगाववादी तत्वों को हम मुंबई में कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं.
फडणवीस ने सवाल किया कि प्रदर्शन असल में था किस बात के लिए और क्या मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अपनी नाक के नीचे ऐसे “भारत विरोधी अभियान” को बर्दाश्त करेंगे. महाराष्ट्र के मंत्री जयंत पाटिल ने फडणवीस पर “शब्दों का गलत अर्थ निकाल कर” लोगों को भ्रमित करने का आरोप लगाया.
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