पुणे: छात्र नेता शरजील उस्मानी के खिलाफ पुणे में कथित 'हिंदू विरोधी' टिप्पणी को लेकर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. ये मुकदमा भारतीय दंड संहिता की धारा 153-ए के तहत स्वर्गेट पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है. भारतीय युवा जनता मोर्चा के एक स्थानीय नेता ने शिकायत दर्ज करायी थी. उस्मानी को इससे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस ने 2019 में सीएए-एनआरसी आंदोलन के दौरान एएमयू परिसर के बाहर हुई झड़पों में कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया था.
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के पूर्व छात्र शरजील उस्मानी ने 30 जनवरी 2021 को पुणे में आयोजित यलगार परिषद में हिंदू समाज के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. उस्मानी ने कहा था, आज का हिंदू समाज हिंदुस्तान में बुरी तरीके से सड़ चुका है. इसके बाद महाराष्ट्र की राजनीति गर्मा गई है और बीजेपी इस मुद्दे को जोरशोर से उठा रही है.
उस्मानी के खिलाफ कोई कार्रवाई की मांग
विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर भड़काऊ बयान देने का आरोप लगाते हुए शरजील उस्मानी के खिलाफ राजद्रोह के आरोप में एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी. फडणवीस के अलावा, राम कदम, अतुल भातलकर और केशव उपाध्याय जैसे अन्य नेताओं ने भी सवाल किया था कि उस्मानी के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई, जबकि सार्वजनिक मंच पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को तीन दिन बीत चुके हैं.
ठाकरे को लिखे अपने पत्र में फडणवीस ने कहा था, 'हिंदवी स्वराज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज के महाराष्ट्र में कोई भी आए और यहां का माहौल खराब करके चला जाए, यह हमें मंजूर नहीं है. शरजील उस्मानी नामक दुर्भावना से युक्त युवा महाराष्ट्र में आकर हिंदू समाज को अपमानित करता है और उसके ऊपर अभी तक कोई कानूनी कार्रवाई राज्य सरकार द्वारा नहीं की जाती है, यह आश्चर्यजनक है.'
राज्य भाजपा ने उस्मानी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए महा विकास अघाड़ी सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था. अगर सरकार कार्रवाई में विफल रहती तो राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी गई थी.
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