नई दिल्ली: निजामुद्दीन मरकज मामले से जुड़ी बड़ी खबर सामने आयी है. निजामुद्दीन थाने के SHO मुकेश वालिया की शिकायत के आधार पर तब्लीगी जमात और मरकज से जुड़े छह लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है. इसमें जमात के प्रमुख मौलाना साद का नाम भी शामिल है.
इसके साथ ही डॉक्टर जीशान, मुफ़्ती शहजाद, मोहम्मद अशरफ, मुर्सलीन सैफ़ी, यूनिस और मोहम्मद सलमान के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. दिल्ली पुलिस की ओर से जारी वीडियो में ये सभी लोग नज़र आ रहे है. इस वीडियो में निज़ामुद्दीन एसएचओ मुकेश वालिया इन लोगों को जल्द से जल्द मरकज खाली करवाने के लिए कह रहे हैं.
इसके साथ ही खबर है कि 28 मार्च की रात से मौलाना साद गायब हैं, पुलिस मौलाना की तलाश में छापेमारी कर रही है. मौलाना साद के जितने भी ठिकाने हैं वहां पर उन्हें तलाशने का काम जारी है. बता दें कि कुछ लोगों का कहना है कि हो सकता है कि मौलाना ने खुद को 14 दिन के लिए क्वॉरन्टीन कर लिया हो. इसके साथ ही खबर है कि अभी तक मरकज को सैनिटाइज नहीं किया गया है.
28 मार्च की मौलाना साद से मिले थे एनएसए डोभाल
जानकारी के मुताबिक एनएसए अजित डोभाल ने 28 तारीख की रात को निजामुद्दीन मरकज जाकर मौलाना साद से मुलाकात की और उन्हें बिल्डिंग खाली करने के लिए तैयार किया. जानकारी के मुताबिक अजित डोभाल रात दो बजे मौलाना साद से मिलने पहुंचे थे. मरकज खाली करवाने के बाद जिन जरूरी लोगों को क्वारन्टीन करने के लिए भी मौलाना को एनएसए ने राजी किया.
36 घंटे में 2361 लोगों को निकाला गया- दिल्ली सरकार
बता दें कि करीब 36 घंटे की कार्रवाई के बाद दिल्ली पुलिस और प्रशासन ने पूरे मरकज को खाली करवाया. दिल्ली डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने ट्वीट करके बताया कि मरकज से कुल 2361 लोगों को निकाला गया. मनीष सिसोदिया ने लिखा, ''निज़ामुद्दीन के आलमी मरकज़ में 36 घंटे का सघन अभियान चलाकर सुबह चार बजे पूरी बिल्डिंग को ख़ाली करा लिया गया है. इस इमारत में कुल 2361 लोग निकले. इसमें से 617 को अस्पताल में और बाक़ी को quarantine में भर्ती कराया गया है.'' उन्होंने आगे लिखा, ''क़रीब 36 घंटे के इस ऑपरेशन में मेडिकल स्टाफ़, प्रशासन, पुलिस, डीटीसी स्टाफ़ सबने मिलकर, अपनी जान जोखिम में डालकर काम किया. इन सबको दिल से सलाम.''
तब्लीगी जमात को लेकर गृह मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाया
तब्लीगी जमात को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाया है. गृह मंत्रालय के फैसले के मुताबिक जो लोग पर्यटक वीजा पर मिशनरी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं चाहे वह किसी भी रुप में है, उन्हें पर्यटक वीजा का उल्लंघन माना जाए. इसके साथ ही गृह मंत्रालय के फैसले के मुताबिक पर्यटक वीजा पर तब्लीगी गतिविधियों का संचालन करने की अनुमति नहीं है. इस जमात मे जो विदेशी हैं उनमें जो भी ठीक पाया जाता है उसे तत्काल पहली फ्लाइट से उसके देश वापस भेज दिया जाएगा.
गृह मंत्रालय के मुताबिक इस समय पूरे देश में लगभग 2000 विदेशी हैं, जो तब्लीग से जुड़े हुए 70 देशों से आए हैं. इन लोगों ने मलेशिया के क्वालालंपुर में मार्च के पहले सप्ताह में एक बैठक में भाग लिया था. यहीं से इनके कोरोना वायरस से ग्रसित होने की संभावना है. यह सारे विदेशी नागरिक 2 से 6 महीने के पर्यटक वीजा पर हैं. इन विदेशी नागरिकों में से अधिकांश बांग्लादेश (493), इंडोनेशिया (472), मलेशिया (150) और थाईलैंड (142) के हैं. इस देश में रहने की उनकी अवधि छह महीने तक है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, रविवार देर रात दिल्ली पुलिस को खबर मिली कि निजामुद्दीन इलाके में कई लोगों में कोरोना के लक्षण दिखाई दिए हैं. दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ के अधिकारी मेडिकल टीम लेकर यहां पहुंचे और इलाके को बंद करने के बाद टेस्ट के लिए लोगों को ले गए. पूरा इलाका सील है. इसमें तब्लीग़-ए-जमात का मुख्य केंद्र, इस केंद्र के सटे हुए निजामुद्दीन पुलिस स्टेशन और बगल में ही ख्वाजा निज़ामुद्दीन औलिया की दरगाह है. पुलिस वालों का कहना है कि वे लोगों की पहचान करके उन्हें अस्पताल में क्वॉरन्टीन के लिए भेज रहे हैं.
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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
तब्लीगी जमात प्रमुख मौलाना साद समेत छह लोगों के खिलाफ FIR, फिलहाल मौलाना लापता
एबीपी न्यूज़
Updated at:
01 Apr 2020 12:26 PM (IST)
तब्लीगी जमात और मरकज से जुड़े छह लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करवाई गई है. इसमें जमात के प्रमुख मौलाना साद का नाम भी शामिल है लेकिन फिलहाल मौलाना साद गायब हैं.
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