राजस्थान पुलिस ने बुधवार देर शाम राजस्थान स्टेट टेक्सट बुक बोर्ड के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. गौरतलब  है कि राज्य सरकार की बारहवीं कक्षा की राजनीति विज्ञान की किताब में छपे विवादित कंटेंट को लेकर हुए हंगामे के बाद ये केस दर्ज किया गया है. बताया जा रहा है कि बारहवीं की राजनीति विज्ञान की टेक्सट बुक में इस्लामिक आतंकवाद के सवाल पर एक जवाब छापा गया था. यह सवाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की किताब में भी पूछा गया है.


राजस्थान मुस्लिम फोरम की शिकायत पर दर्ज किया गया केस


ये और अन्य कमेंट्स 2018 में प्रकाशित पुस्तक में छपे थें.  वहीं राज्य में मुस्लिमों के एक शीर्ष निकाय राजस्थान मुस्लिम फोरम की शिकायत पर लाल कोठी पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज की गई है.  एक प्राइवेट पब्लिशिंग हाउस के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है जो इस्लाम पर "आपत्तिजनक सामग्री" को दोहराते हुए छात्रों के लिए गाइडबुक प्रिंट कर रहा था.


पुलिस पर केस दर्ज नहीं करने का लगाया गया था आरोप


पाठ्यपुस्तक में "आतंकवाद, राजनीति और भ्रष्टाचार का अपराधीकरण" पर एक चैप्टर शामिल है, जहां यह बताते हुए विशेषज्ञों का क्वोट  है कि "एक विशेष धर्म के लिए प्रतिबद्धता इस्लामी आतंकवाद की मुख्य प्रवृत्ति है."  बता दें कि राजस्थान मुस्लिम फोरम ने पहले पुलिस पर राज्य पाठ्यपुस्तक और गाइडबुक दोनों के लेखकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं करने का आरोप लगाया था.


इस सवाल और जवाब को लेकर हुआ है विवाद


किताब में जिस सवाल को लेकर विवाद हुआ है उस में पूछा गया है कि इस्लामी आतंकवाद से आप क्या समझते हैं? इसके जवाब में लिखा गया है कि इस्लामी आतंकवाद इस्लाम का ही एक रूप है, जो पिछले 20-30 वर्षों में अत्यधिक शक्तिशाली बन गया है. आतंकवादयों में किसी एक गुट विशे। के प्रति समर्पण का भाव नहीं होकर एक समुदाय विशेष के प्रति समर्पण भाव होता है. समुदाय के प्रति प्रतिबद्धता इस्लामिक आतंवाद की मुख्य प्रवृति है. पंथ या अल्लाह के नाम पर आत्मबलिदान और असीमित बर्बरता, ब्लैकमेल, जबरन धन वसूली, और निर्मम नृशंस हत्याएं करना ऐसे आतंकवाद की विशेषता बन गई है. जम्मू कश्मीर में आतंकवाद पूर्णतया धार्मिक व पृथकतावादी श्रेणी में आता है.


संजीव पब्लिकेशन के दफ्तर पर की गई थी तोड़फोड़

विवादित कंटेट को लेकर के समुदाय विशेष के लोगों ने संजीव पब्लिकेशन के ऑफिस में तोड़फोड़ भी की थी. वहीं पब्लिकेशन के मैनेजर विजय शंकर का कहना है कि 12की राजनीति विज्ञान की एक किताब में इस्लामिक आतंकवाद के सवाल पर एक जवाब छापा गया था.  इसी को लेकर विवाद हुआ है. लेकिन जब कुछ समय पहले आपत्ति दर्ज की गई थी तो सभी किताबें बाजार से वापस ले ली गई थीं. साथ ही नई किताबों में सभी ऐसे बिंदुओं को हटा दिया गया था ताकि किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस न पहुंचे.

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