मुंबई में एक और फर्जी कोविड टीकाकरण शिविर का मामला सामने आया, 5 गिरफ्तार
एमआईडीसी अंधेरी पुलिस थाना में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक आरोपी द्वारा अप्रैल और मई में फर्जी टीकाकरण शिविर आयोजित कर कंपनी के कर्मियों को टीके की 1055 खुराक दी गयीं.
मुंबई: मुंबई पुलिस ने एक निजी कंपनी के लिए फर्जी कोविड-19 टीकाकरण शिविर आयोजित करने के आरोप में बृहस्पतिवार को आठ लोगों के खिलाफ नयी प्राथमिकी दर्ज की. एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी. मुंबई में हाउसिंग सोसाइटी और निजी कंपनियों के लिए अवैध रूप से फर्जी कोविड-19 टीकाकरण शिविर आयोजित करने वाले गिरोह का पिछले महीने भंडाफोड़ होने के बाद इस मामले में अब तक कुल 10 प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
कंपनी के कर्मियों को टीके की 1055 खुराक दी गयीं
पुलिस अधिकारी ने बताया कि ताजा मामला इंटर गोल्ड कंपनी के लिए फर्जी टीकाकरण शिविर आयोजित करने से जुड़ा है. एमआईडीसी अंधेरी पुलिस थाना में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक आरोपी द्वारा अप्रैल और मई में फर्जी टीकाकरण शिविर आयोजित कर कंपनी के कर्मियों को टीके की 1055 खुराक दी गयीं. लेकिन उनमें से केवल 48 लोगों को ही टीकाकरण से संबंधित प्रमाण-पत्र जारी किया गया.
आरोपी ने टीकाकरण शिविर के लिए कंपनी से ऐठे 2.60 लाख रुपये
कंपनी को बाद में पता चला कि आयोजकों ने टीकाकरण शिविर के लिए बृहन्मुंबई महानगर पालिका से कोई अनुमति नहीं ली थी. आरोपी ने टीकाकरण शिविर के लिए कंपनी से 2.60 लाख रुपये लिए थे.
आठ में से पांच आरोपी गिरफ्तार
प्राथमिकी में प्रमुख आरोपी शिवम अस्पताल के डॉ मनीष त्रिपाठी, अरविंद जाधव और पवन सिंह, अनुराग, करीम, नेहा शर्मा और रोशनी पटेल समेत आठ लोगों के नाम हैं. डॉ त्रिपाठी और पांच अन्य आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.