Nupur Shrama Row: पैगंबर मोहम्मद (Prophet Muhammad) पर विवादित टिप्पणी देने के मामले में नूपुर शर्मा (Nupur Shrama) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पहले जान से मारे जाने की धमकी, फिर कई थानों में एफआईआर (FIR) और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की फटकार और अब कोलकाता पुलिस (Kolkata Police) का नोटिस. कोलकाता पुलिस ने नूपुर शर्मा के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया है. नुपुर के खिलाफ एमहर्स्ट और नारकेलडांगा पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी और उन्हें पेश होने के लिए कहा गया था. हालांकि, वह उनके सामने पेश नहीं हुई. इसके बाद उन्होंने और ज्यादा समय मांगा है.
विवादित टिप्पणी के मामले में नूपुर शर्मा के खिलाफ देश के अलग-अलग राज्यों में केस दर्ज हुए इनको मर्ज कराने के लिए वो सुप्रीम कोर्ट गईं तो वहां उन्हें बुरी तरह फटकार दिया गया और उनकी याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया. नूपुर ने सभी केस दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग की थी. पहले जान लेते हैं कि उनके खिलाफ कहां-कहां मामले दर्ज हैं फिर बात करेंगे कि उनकी मुश्किलें क्यों बढ़ सकती हैं.
नूपुर शर्मा के खिलाफ कई राज्यों में मामले दर्ज
नूपुर शर्मा के खिलाफ 4 राज्यों दिल्ली, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना में 9 मामले दर्ज हैं तो वहीं असम, कर्नाटक, राजस्थान, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश में भी मामले दर्ज किए हैं, लेकिन इसका विवरण याचिकाकर्ता के पास नहीं है. इन सभी मामलों को लेकर नूपुर शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी कि इन्हें मर्ज कर दिल्ली ट्रांसफर कर दिया जाए क्योंकि अलग-अलग राज्यों में जाना संभव नहीं हो पाएगा. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा को तगड़ी फटकार लगाई और कहा कि उनके बयानों के बाद फैली देश में सांप्रदायिक हिंसा के लिए वो अकेली जिम्मेदार हैं. कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया. इसके बाद नूपुर शर्मा की मुश्किलें बढ़ गई हैं.
क्यों बढ़ गईं नूपुर शर्मा की मुश्किलें
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के इनकार के बाद नूपुर (Nupur Shrama) को हर एक मामले में राज्य के निर्धारित स्थानों में दर्ज मुकदमे की प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा. एकमात्र सुप्रीम कोर्ट ही सभी मुकदमों को एक साथ क्लब करके एकसाथ दिल्ली या किसी अन्य राज्य स्थानांतरित करके सुनवाई करने का आदेश दे सकता था. अब किसी राज्य के कई शहरों में अगर नुपुर के खिलाफ मुकदमे दर्ज हैं तो उस प्रदेश का हाईकोर्ट (High Court) अपने न्यायाधिकरण क्षेत्र में सभी मामलों को क्लब कर सकता है. लेकिन राज्य के बाहर दर्ज मुकदमे पर वह आदेश नहीं दे सकता. अब नूपुर शर्मा को एक-एक मुकदमे की कार्यवाही का अलग-अलग सामना करना पड़ेगा. सभी राज्यों में अलग जांच चलेगी और उसकी प्रक्रिया में नुपुर को सहयोग करना पड़ेगा. यानी नूपुर शर्मा को अब अपने विवादित बयान को लेकर काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
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