One year Of Galwan Valley Clash: फायर एंड फ्यूरी कोर ने गल्वन घाटी में शहीद जवानों को दी श्रद्धांजलि
गल्वन हिंसा के एक साल पूरे होने पर फायर एंड फ्यूरी कोर ने 20 शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी है. चीनी सेना के साथ हुए झड़प के दौरान ये सैनिक शहीद हो गए थे इस दौरान कई चीनी सैनिक भी मारे गए थे.
![One year Of Galwan Valley Clash: फायर एंड फ्यूरी कोर ने गल्वन घाटी में शहीद जवानों को दी श्रद्धांजलि Fire and Fury Corps paid tribute to the 20 soldiers who lost lives in the Galwan valley clash One year Of Galwan Valley Clash: फायर एंड फ्यूरी कोर ने गल्वन घाटी में शहीद जवानों को दी श्रद्धांजलि](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/06/15/932d05e6ae4481e3f9389604d770e398_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्लीः गल्वन घाटी में हुई घटना के आज एक साल पूरे हो गए हैं. गल्वन घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प के दौरान शहीद हुए 20 जवानों को फायर एंड फ्यूरी कोर की ओर से श्रद्धांजलि दी गई है. पिछले साल 15 जून को पूर्वी लद्दाख सेक्टर में चीनी सैनिकों और भारतीय सैनिकों बीच यह झगड़ा हुआ था. इस झड़प में कई चीनी सैनिक भी मारे गए थे लेकिन शुरूआती ना के बाद अंत में चीन ने कबूल किया था कि उसके चार सैनिक मारे गए हैं.
रिश्तों में तल्खी
गल्वन घाटी हिंसा के बाद पिछले एक साल से सीमा पर शांति कायम है. दोनों देशों के सैनिक धीरे-धीरे पीछे हट रहे हैं. हालांकि इस हिंसा के बाद दोनों देशों के बीच रिश्तों में काफी तल्खी भी देखने को मिली थी.
'न्यूजवीक' की रिपोर्ट में 60 चीनी सैनिक की हुई थी मौत
बता दें कि लद्दाख पर अमेरिकी अखबार न्यूजवीक की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ था. रिपोर्ट के मुताबिक गल्वन घाटी में हुई झड़प में चीन के करीब 60 सैनिक मारे गए थे. रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय सेना चीनी सैनिकों पर भारी पड़ी थी.
सेनाओं के बीच तालमेल बेहतर
सूत्रों ने बताया कि इस घटना के बाद सेना के तीनों अंगों के बीच तालमेल और एकजुटता भी बढ़ी है. तीनों सेनाओं ने एलएसी पर समग्र चुनौतियों से निपटने के लिए भारतीय थल सेना और भारतीय वायु सेना के बीच तालमेल और बेहतर हो गया है.
स्थिति से निपटने में सक्षम
सूत्रों ने बताया कि इस घटना के बाद से अभी तक दोनों पक्षों के बीच विश्वास बहाल नहीं हो पाया है. सूत्रों ने यह भी कहा कि भारत पूर्वी लद्दाख और अन्य क्षेत्रों में एलएसी के पास किसी भी स्थिति से पार पाने में सक्षम है.
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