गोरखपुर: ऑक्सीजन की कमी से बच्चोें की मौत के बाद विवाद में आए बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज के एक हिस्से में सोमवार आग लग गयी. इसके पीछे की वजह का अभी पता नहीं चला है. समाजवादी पार्टी (एसपी) ने इस घटना के पीछे साजिश की आशंका जतायी है. पार्टी ने कहा कि कहीं यह आग आक्सीजन की कमी से हुई बच्चों की मौत से संबंधित फाइलों को रिकॉर्ड से हटाने के लिए तो नहीं लगाई गई.
फायर ब्रिगेड डिपार्टमेंट के सूत्रों के मुताबिक मेडिकल कॉलेज में प्रधानाचार्य कार्यालय और उससे सटे रिकार्ड रूम में अचानक आग लग गई, जिसकी वजह से कई दस्तावेज नष्ट हो गए. दमकलकर्मियों ने मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया. आग लगने की वजहों का अभी तक पता नहीं लग सका है. इस बीच जिलाधिकारी राजीव रौतेला ने एडीएम सिटी रजनीश चन्द्र को इस मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है.
मेडिकल कालेज के एक डॉक्टर ने बताया, 'आग से आक्सीजन मामले के महत्वपूर्ण कागजात नष्ट हो गये हैं. यह कागज प्रधानाचार्य के कार्यालय में रखे थे.' घटनास्थल पर मौजूद पुलिस अधीक्षक(उत्तरी) गणेश शाहा ने बताया कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि आग शार्ट सर्किट के कारण लगी है. लेकिन आग लगने की मुख्य वजह जांच के बाद ही पता चल पाएगा.
मुख्य अग्निशमन अधिकारी डी के सिंह ने बताया कि 'मेरी अध्यक्षता में इस आग के कारणों की जांच की जाएगी. आग पर एक घंटे के अंदर काबू पा लिया गया था.’बता दें कि गोरखपुर मेडिकल कालेज पिछले साल अगस्त में 24 घंटे के अंदर कम से कम 30 बच्चों की मौत की घटना के बाद सुर्खियों में आया था. आरोप है कि ये मौतें ऑक्सीजन सप्लायर को बकाया भुगतान ना किये जाने के चलते आपूर्ति बाधित होने के कारण हुई थीं.
इस बीच, एसपी के जिलाध्यक्ष प्रह्लाद यादव ने मेडिकल कालेज में आग लगने की घटना को संदेहास्पद करार देते हुए आशंका जतायी कि कहीं यह आग आक्सीजन की कमी से हुई बच्चों की मौत से संबंधित फाइलों को रिकॉर्ड से हटाने के लिए तो नहीं लगाई गई.
यादव का आरोप है कि आग लगने के तत्काल बाद ही संबंधित अधिकारियों को सूचना दी गई मगर वे सभी देरी से पहुंचे. यह जांच का विषय है. आग केवल फाइलों में ही क्यों लगी और फाइल जलने के बाद ही तुरंत आग पर काबू पा लिया गया.