Priyanka Gandhi: प्रियंका गांधी की केंद्र और राज्य सरकारों से अपील, हिमालय को बचाने के लिए...
Priyanka Gandhi News: प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया पर केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर इस पर काम करने की अपील की है. उन्होंने आग की घटनाओं को रोकने के लिए व्यापक इंतजाम की भी मांग की.
Priyanka Gandhi Raised Fire Issue: कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने हिमालय को बचाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार से खास अपील की है. उन्होंने हिमालय और खासकर पहाड़ी इलाकों में आग की घटनाओं को रोकने के लिए व्यापक इंतजाम करने की मांग भी की है.
प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट किया, अल्मोड़ा, उत्तराखंड में जंगल की आग बुझाने गए 4 कर्मचारियों की मौत, कई अन्य के घायल होने का समाचार अत्यंत दुखद है. सभी के लिए ईश्वर से प्रार्थना करती हूं. मैं पीड़ित परिवारों को मुआवजा और हर संभव स्तर पर सहायता का आग्रह राज्य सरकार से करती हूं.
अल्मोड़ा, उत्तराखंड में जंगल की आग बुझाने गए 4 कर्मचारियों की मृत्यु और कई अन्य के घायल होने का समाचार अत्यंत दुखद है। सभी के लिए ईश्वर से प्रार्थना करती हूं। पीड़ित परिवारों को मुआवजा और हर संभव स्तर पर सहायता का आग्रह मैं राज्य सरकार से करती हूँ।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 14, 2024
पिछले कई महीने से उत्तराखंड… pic.twitter.com/uo2u0HHGsN
आग लगने की घटना में कई गुना बढ़ोतरी
प्रियंका गांधी ने आगे लिखा, "पिछले कई महीने से उत्तराखंड के जंगल लगातार जल रहे हैं. सैकड़ों हेक्टेयर जंगल तबाह हो चुके हैं. हिमाचल प्रदेश में भी जंगलों में जगह-जगह आग लगने की सूचनाएं हैं. एक स्टडी के मुताबिक, हिमालय क्षेत्र के जंगलों में आग लगने की घटनाओं में कई गुना बढ़ोतरी हुई है. जलवायु परिवर्तन (Climate change) का सबसे अधिक असर हमारे हिमालय और पर्वतीय पर्यावरण पर हुआ है. मेरी केंद्र की मोदी सरकार और राज्य सरकार से अपील है कि आग लगने की घटनाओं के रोकने के उपाय हों और हिमालय को बचाने के लिए सबके सहयोग से व्यापक स्तर पर कारगर प्रयास किए जाएं.
क्यों लग रही है पहाड़ों में आग
पिछले कुछ साल से उत्तराखंड के पहाड़ों पर मौजूद जंगलों में आग की कई खबरें सामने आ चुकी हैं. वैसे तो आग लगने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, लेकिन एक स्डटी से आग लगने का सबसे अहम कारण हैरान करने वाला है. दरअसल इन पहाड़ों पर मौजूद चीड़ के पेड़ों (Pine Trees) के जंगल, आग लगने का सबसे बड़ा कारण हैं. उत्तराखंड के जंगल में 16 फीसदी इलाका इन्हीं पेड़ों से घिरा है. अंग्रेजों ने पहाड़ी इलाकों में लकड़ी के लालच में चीड़ और देवदार के पेड़ सबसे ज्यादा लगाए थे. इससे उत्तराखंड के जंगलों का वेजिटेशन मिक्स हो गया. जिसे बाद की सरकारों और पूर्वजों ने सुधारा नहीं. मौजूदा समय में बढ़ रही ग्लोबल वॉर्मिंग और हमारी कुछ गलतियों की वजह से इन खूबसूरत जंगलों में आग लग रही है. आईआईटी रुड़की के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन डिजास्टर मिटिगेशन एंड मैनेजमेंट विभाग के प्रोफेसर पीयूष श्रीवास्तव और प्राइम मिनिस्टर रिसर्च फेलो आनंदू प्रभाकरन ने इन जंगलों की आग की स्टडी की है.
उनका कहना है कि चीड़ की पत्तियां, जिन्हें पिरूल कहा जाता है, गर्मी होते ही झड़ने लगती हैं. इनमें आग बहुत तेजी से फैलती है. इसी तरह गर्मी के सीजन में चीड़ के जंगलों में लीसा निकालने का सीजन शुरू हो जाता है. लीसा इतना ज्वलनशील होता है कि अगर उसमें आग लग जाए तो फिर उसे बुझाना मुश्किल होता है.
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