नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के रानी झांसी रोड पर एक फैक्ट्री में रविवार तड़के भीषण आग लगने से 43 लोगों की मौत हो गई है. इस घटना में 16 लोगों के घायल होने की भी खबर है. इस घटना के बाद अब लापरवाही की बात सामने आ रही है. दिल्ली अग्निशमन सेवा के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि इमारत के लिए दमकल सेवा की मंजूरी नहीं ली गई थी और न ही परिसर में अग्नि सुरक्षा उपकरण लगे हुए थे. ऐसे में आसानी से समझा जा सकता है कि अगर यहां सुरक्षा मापदंडों का ध्यान रखा गया होता तो हादसे में लोगों की जान बचाई जा सकती थी.
फैक्ट्री में आग लगने की जानकारी लोगों को सुबह पांच बजकर 22 मिनट पर लगी. इसके बाद मौके पर दमकल की 30 गाड़ियों पहुंची और आग पर काबू पाया गया. घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत अनेक लोगों ने दुख जताया है.
दिल्ली के सीएम ने अग्निकांड में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए 10-10 लाख रुपये के मुआवजा राशि का एलान किया है. साथ ही घायलों को एक-एक लाख रुपये दिए जाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मृतकों के लिए मुआवजे का एलान किया है. इसके तहत मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये की राशि दी जाएगी और घायलों को 50-50 हजार रुपए की राशि दी जाएगी.
यह भी पढ़ें-
दिल्ली आग: अपनों की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं श्रमिकों के परिजन
दिल्ली अग्निकांड: 43 लोगों की मौत ने दिलाई 'उपहार कांड' की याद, 1997 में खामोश हो गई थी 59 जिंदगियां