Firecrackers Ban: सुप्रीम कोर्ट का आदेश- प्रतिबंधित पटाखे बिके तो अधिकारी व्यक्तिगत रूप से माने जाएंगे ज़िम्मेदार
Firecrackers Ban: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सभी पटाखों पर बैन नहीं है. दूसरों के स्वास्थ्य की कीमत पर उत्सव नहीं मनाया जा सकता है.
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Firecrackers Ban: पटाखों को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया है. कोर्ट ने कहा कि सभी पटाखों पर बैन नहीं है, सिर्फ स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह पर रोक लगाई गई है. बेरियम से बने पटाखों और लड़ियों पर रोक रहेगी. उल्लंघन की स्थिति में राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव, ज़िले के एसपी, डीएसपी, थाना प्रभारी जैसे अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से जवाबदेह माना जाएगा. शीर्ष अदालत ने कहा कि राज्य सरकारें इस आदेश का व्यापक प्रचार करें.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ''किसी भी प्राधिकारी को हमारे निर्देशों के उल्लंघन की अनुमति नहीं दी जा सकती है और उत्सव की आड़ में प्रतिबंधित पटाखों के इस्तेमाल की इजाजत नहीं होगी. दूसरों के स्वास्थ्य की कीमत पर उत्सव नहीं मनाया जा सकता.''
पटाखों को लेकर SC का आदेश :-
— Nipun Sehgal (@Sehgal_Nipun) October 29, 2021
* सभी पटाखों पर बैन नहीं। स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह पर रोक।
* बेरियम से बने पटाखों और लड़ियों पर रोक
* उल्लंघन होम पर राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव, ज़िले के SP, DSP, SHO जैसे अधिकारियों को व्यक्तिगत जवाबदेह माना जाएगा
* राज्य इस आदेश का प्रचार करें
अदालत ने कहा कि पटाखों पर प्रतिबंध को लागू करने में राज्यों, एजेंसियों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से किसी भी चूक को बेहद गंभीरता से देखा जाएगा. शीर्ष अदालत ने कहा कि पटाखों पर प्रतिबंध के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए सभी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक/प्रिंट मीडिया, स्थानीय केबल (टीवी) सेवाओं के माध्यम से उचित प्रचार करें.
कोर्ट ने सीबीआई की तरफ से दी गई प्राथमिक जांच रिपोर्ट को भी अपने आदेश में दर्ज किया है. इस रिपोर्ट में बताया गया था कि कई कंपनियां प्रतिबंधित सामग्री का इस्तेमाल कर पटाखें बना रही हैं. इन पर ग्रीन क्रैकर का लेवल लगा कर बेचा जा रहा है. बेंच ने माना है कि यह साफ तौर पर संबंधित संस्थाओं और राज्य सरकारों की नाकामी है. उनका दायित्व है कि वह कोर्ट के आदेशों का पालन सुनिश्चित करें.
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