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दिल्ली-NCR में पटाखे बेचने पर रोक, चेतन भगत बोले- ‘सिर्फ हिंदू पर्वों पर प्रतिबंध लगाने का साहस क्यों?’
दिल्ली में हर साल दिवाली के मौके पर पटाखों की वजह से जो प्रदूषण होता है, वो लंबे समय से चिंता का विषय बना हुआ था. WHO ने साल 2016 में दिल्ली को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक बताया था.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की तरफ से दिल्ली-एनसीआर में पटाखे बेचने पर रोक लगाने के बाद मशहूर लेखक चेतन भगत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि सिर्फ हिंदू पर्वों पर प्रतिबंध लगाने का साहस क्यों?. चेतन ने इस बैन को सीधे हिंदू मुस्लिम से जोड़ दिया है.
क्या बकरे की कुर्बानी, मुहर्रम पर बहाए जाने वाले खून पर भी प्रतिबंध लगेगा?- चेतन भगत
चेतन भगत ने लिखा है, ‘’केवल हिंदू पर्वो पर प्रतिबंध लगाने का साहस क्यों? क्या बकरे की कुर्बानी, मुहर्रम पर बहाए जाने वाले खून पर भी प्रतिबंध लगेगा?’’ उन्होंने आगे कहा, ‘’पटाखों के बिना दिवाली वैसी ही है जैसा क्रिसमस ट्री के बिना क्रिसमस और बकरे की कुर्बानी के बिना बकरीद.’’’
Can I just ask on cracker ban. Why only guts to do this for Hindu festivals? Banning goat sacrifice and Muharram bloodshed soon too?
— Chetan Bhagat (@chetan_bhagat) October 9, 2017
Banning crackers on Diwali is like banning Christmas trees on Christmas and goats on Bakr-Eid. Regulate. Don’t ban. Respect traditions. — Chetan Bhagat (@chetan_bhagat) October 9, 2017चेतन ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘’आज अपने ही देश में उन्होंने बच्चों के हाथ से फुलझड़ी भी छीन ली. हैप्पी दिवाली मेरे दोस्त’’ प्रदूषण के कारण लगी है रोक आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सहित पूरे एनसीआर में पटाखों पर रोक लगा दी है. रोक प्रदूषण के कारण लगी है. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कोर्ट से गुहार लगाई गई थी कि कोर्ट 12 सितंबर के अपने उस आदेश को वापस ले जिसमें उसने कुछ शर्तों के साथ दिल्ली और एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर लगी रोक हटाई थी. दिल्ली-एनसीआर में दीवाली पर नही बिकेंगे पटाखे, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक क्या है रोक लगने के कारण? दरअसल दिल्ली में हर साल दिवाली के मौके पर पटाखों की वजह से जो प्रदूषण होता है, वो लंबे समय से चिंता का विषय बना हुआ था. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने साल 2016 में दिल्ली को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक बताया था. साल 2016 में तीस अक्टूबर यानि दीवाली के दिन पीएम 2.5 का स्तर 452 था, जो बेहद खतरनाक होता है. 31 अक्टूबर को PM 2.5 का स्तर बढ़कर 624 तक पहुंच गया था. यानि दिल्ली की आबो हवा सांस लेने लायक भी नहीं बची थी. पटाखों पर रोक से व्यापार पर पड़ेगा बुरा असर यहां आपको बता दें कि दिवाली के मौके पर पटाखों की खरीद बिक्री का बड़ा व्यापार है. एक अनुमान के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में 50 लाख किलोग्राम पटाखे का स्टॉक है,जिसमें से एक लाख किलो पटाखा सिर्फ दिल्ली में मौजूद है. पटाखा व्यापारियों के पास भारतीय सेना से ज्यादा गोला बारुद- सुप्रीम कोर्ट दिवाली से पांच दिन पहले औसतन दिल्ली-एनसीआर में दस लाख किलोग्राम पटाखा इस्तेमाल करते हैं, जिसकी बिक्री करोड़ो में होती है. दिल्ली-एनसीआर में पटाखों के इतने बड़े स्टॉक पर सुप्रीम कोर्ट ने बेहद हैरान जताई थी. साथ ही ये टिप्पणी भी की थी कि पटाखा व्यापारियों के पास भारतीय सेना से ज्यादा गोला बारुद है. जो पूरे देश को जला सकता है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आम आदमी की प्रतिक्रिया मिली जुली रही. कुछ लोग इस बात से खुश दिखे कि दिवाली पर जानलेवा प्रदूषण को नहीं झेलना पड़ेगा, वहीं कुछ लोग इस बात की शिकायत करते मिले कि बिन पटाखे, कैसी दिवाली?
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राजेश शांडिल्यसंपादक, विश्व संवाद केन्द्र हरियाणा
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