Firecrackers Ban: बंगाल में पटाखों पर लगी रोक, दिवाली और छठ पर केवल 2 घंटे फोड़ सेकेंगे ग्रीन पटाखे
Firecrackers Ban: पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बुधवार को घोषणा की कि राज्य में केवल हरे पटाखे ही बेचे जा सकते हैं.
Firecrackers Ban: पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (डब्ल्यूबीपीसीबी) ने बुधवार को घोषणा की कि राज्य में केवल हरे पटाखे ही बेचे जा सकते हैं. वहीं, निर्देश में कहा गया है कि ऐसे पटाखे को सिर्फ दो घंटे रात 8 बजे से 10 बजे के बीच फोड़े जा सकेंगे. दिवाली के दौरान और छठ पूजा पर दो घंटे के लिए ग्रीन पटाखे फोड़ने की अनुमति दी गई है. पटाखों को लेकर जारी गाइड लाइन पर पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कहा कि छठ पूजा के दौरान 2 घंटे सुबह 6-8 बजे और क्रिसमस और नए साल की पूर्व संध्या 11:55 बजे से 12:30 बजे तक 35 मिनट फोड़े जाने की अनुमति है.
पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश में कहा गया है कि राज्य में इस संबंध में अगले आदेश तक ग्रीन पटाखों को छोड़कर सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री और फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा. आदेश में कहा गया है, " पटाखे पर प्रतिबंध इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए लगाए हैं कि कि पटाखे फोड़ने से हानिकारक रसायन निकलते हैं. इससे कमजोर समूहों के श्वसन स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है. साथ ही इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए भी पटाखे पर प्रतिबंध लगाया गया है क्योंकि इससे फैले प्रदूषण से कोविड-19 संक्रमित व्यक्तियों और होम क्वारंटीन में रहने वाले व्यक्तियों के स्वास्थ्य की स्थिति पर प्रभाव पड़ेगा."
बोर्ड ने अगले आदेश तक राज्य में ग्रीन पटाखों को छोड़कर सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री और फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया. आदेश में कहा गया है, "राज्य में सीमित अवधि (दो घंटे से अधिक नहीं) के लिए केवल हरे पटाखों के उपयोग के लिए जिला मजिस्ट्रेट या पुलिस आयुक्तों या पुलिस अधीक्षकों की पूर्व अनुमति की आवश्यकता होगी." पटाखा फोड़ने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के फैसले का उल्लेख करते हुए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेश में उल्लिखित सभी नियमों और शर्तों का कड़ाई से पालन किया जाएगा.
वहींं, इस दिवाली राष्ट्रीय राजधानी में पटाखे फोड़ने की अनुमति नहीं है. पड़ोसी गुरुग्राम में भी पटाखा मुक्त प्रकाश उत्सव मनाया जाएगा, जबकि राजस्थान सरकार ने भी 1 अक्टूबर से इनकी बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है. इस महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ग्रीन पटाखों की आड़ में पटाखा निर्माताओं की ओर से प्रतिबंधित वस्तुओं का उपयोग किया जा रहा है और दोहराया कि संयुक्त पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के उसके पहले के आदेश का पालन हर राज्य द्वारा किया जाना चाहिए.
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