मुंबई: मलाड में हुई फायरिंग का खुलासा, जेल में बंद कैदी ने डॉन बनने की चाहत में करवाई थी फायरिंग
एक फरवरी को मलाड में हुई फायरिंग की घटना का मुंबई पुलिस ने खुलासा कर दिया है. पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया जेल में बंद आरोपी उदय पाठक ने अपना मुंबई का नया डॉन बनने की चाहत में फायरिंग करवाई थी.

मुंबई: मुंबई पुलिस ने मलाड ईस्ट के कुरार इलाके में तीन दिनों पहले हुई फायरिंग की गुत्थी को सुलझा लिया गया है. लेकिन इस खुलासे के साथ ही मुंबई पुलिस के कान खड़े हो गए क्योंकि फायरिंग को अंजाम देने वाला मास्टरमाइंड आठ साल से जेल में बंद है और उसने यह फायरिंग इलाके में अपना खौफ और मुंबई का नया डॉन बनने के इरादे से कराई थी.
क्या है पूरा मामला
मुंबई के कुरार इलाके में एक फरवरी को दो व्यापारियों की आनंद मेडिकल और रोकड़िया ट्रेडर्स की दुकानों पर न सिर्फ फायरिंग की गई थी बल्कि दोनों से एक-एक करोड़ की फिरौती भी मांगी थी. बदमाशों ने व्यापारियों को वसूली की रकम ना देने पर उन्हें जान से मारने की धमकी तक दे दी, पुलिस ने सीसीटीवी की मदद से फायरिंग करने वालों की पहचान शुरू की. सीसीटीवी फुटेज और खुफिया तंत्र से मिले सुराग के आधार पर मुंबई पुलिस ने पूरे फायरिंग कांड की साज़िश रचने वाले पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. हालांकि फायरिंग करने वाला आरोपी अभी भी फरार है. पुलिस ने जब गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की तो सबसे चौंकाने वाला खुलासा यह सामने आया है कि यह फायरिंग इलाके में अपना खौफ कायम रखने के इरादे से करवाई गई थी और इसका मास्टरमाइंड इलाके का डॉन उदय पाठक है, जो पिछले आठ साल से जेल में बंद है. उदय पाठक ना केवल इलाके का बल्कि मुंबई का डॉन बनना चाहता है.
कौन है डॉन उदय पाठक ?
उदय पाठक मूल रूप से यूपी के जौनपुर जिले का रहने वाला है. उदय पाठक ने पहले मुंबई में नौकरी तलाशी जिसमे सफलता नहीं मिली. उदय को मुंबई में अवैध घर बनाने और बेचने में मुनाफा दिखा. उदय शुरुआती दिनों में जंगली इलाके, सरकारी जमीन पर अवैध झुग्गी और चाल के घर बनाने का काम करता था. अवैध घर बनाने के दौरान उदय ने बीएमसी और पुलिस में इतनी अच्छी पकड़ बना रखी थी कि उसके काम मे कोई दखल नही डालता था. सरकारी जमीन पर अवैध घर बनाने में उदय का झगड़ा दूसरे गिरोह से हो गया. इस झगड़े के बाद बदला लेने के लिए चार जून 2011 को उदय ने गिरोह के चार सदस्यों की हत्या कर दी. इसी नरसंहार के बाद से वह मशहूर हो गया. इसके बाद उसने कई अन्य अपराधों को अंजाम दिया. जिससे इलाके में उसके नाम की दहशत बन गई, लेकिन लगातार बढ़ते पुलिस दबाव को देखते हुए वह अपने गांव जौनपुर भाग गया, लेकिन मुंबई क्राइम ब्रांच ने उदय को चार जुलाई 2011 के दिन गिरफ्तार कर लिया गया और तब से वह मुंबई के आर्थर रोड जेल में बंद है.
आरोपियों ने पूछताछ में पुलिस को बताया, "पूरे फायरिंग कांड का मास्टरमाइंड आर्थर रोड जेल में बंद इलाके का डॉन उदय पाठक के इशारे पर रची गई थी. पुलिस के मुताबिक जेल में उदय पाठक से जब उसके गिरोह का सदस्य मिलने जाता था तो वह चिट में किस व्यापारी से एक्सटॉर्शन मांगना है और किसको फायरिंग के जरिए डराना- धमकाना है, उसका निर्देश वही देता था. निर्देश मिलने के बाद टार्गेट पर फायरिंग करने से पहले नजदीकी जंगल मे गिरोह के सदस्य पेड़ पर हथियार चलाने का प्रैक्टिस करते थे. अभ्यास पूरा होने के बाद गिरोह में से ही एक गुर्गे को फायरिंग करने और बाकी को रेकी करने और बैकअप देने की जिम्मेदारी सौंपी जाती थी और इसी साज़िश के तहत एक फरवरी को भी दोनों दुकानों पर फायरिंग को अंजाम देते हुए एक-एक करोड़ की फिरौती मांगी गई थी."
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