फिरोजाबाद: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में शुक्रवार देर रात उस समय हड़कंप मच गया जब एक 11वीं क्लास की छात्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई. परिवार के मुताबिक, हत्यारे कोई और नहीं बल्कि पड़ोस में रहने वाले तीन लड़के हैं.


शुक्रवार देर रात का वक़्त था, गली में सन्नाटा पसरा था. तभी चली एक गोली ने फिरोजाबाद के रसूलपुर इलाके में सनसनी फैला दी. पड़ोसी जब घर से बाहर निकले तो पता चला यहां रहने वाली एक छात्रा को किसी ने गोली मार दी है. लड़की के पिता के मुताबिक घर के पास ही रहने वाले 3 लड़कों ने इस वारदात को अंजाम दिया. 3 दिन पहले उनमें से एक लड़के ने लड़की के साथ छेड़छाड़ की थी.


लड़की के पिता ने कहा, "12 बजे, मैं छत पर था, गेट खुले हुए थे, दरवाजा खुला हुआ था, अचानक गेट द्वारा कुछ लोग चढ़कर आए.. ऊपर पहुंचे.. छत पर मैं और मेरी वाइफ दोनों लोग टहल रहे थे...खाना खाने के बाद, उसके बाद नीचे से आवाज़ आई गोली चलने की...मैं वहां से ऊपर से भागा मैं और मेरी वाइफ..उसके बाद वो मुझे भागते हुए नज़र आए...मैंने उनका पीछा किया...पीछा करने के बाद जीने तक मैंने उन्हें देख, फिर गली में देखा, जैसे ही मैं घर से बाहर निकला हूं उन्होंने दूसरा राउंड फिर खोला है मेरे ऊपर...दूसरी गोली फिर चलाई मेरे ऊपर...फिर भी उनके पीछे काफी दूर तक चला गया...लेकिन जब रोने चिलाने की आवाज़ आई तो आगे नहीं बढ़ा गया."


इसके साथ ही उन्होंने कहा, “मेरी बेटी को 3 दिन पहले कॉलेज जाती है…कलावती में पढ़ती है…थाना रसूलपुर के ठीक सामने है वहां जाती है...तो इन लोगों ने लड़की से छेड़छाड़ की...तीनों लोगों ने..2 तीन गाड़ियां थीं औरों को नहीं पहचानता मैं...कल मैंने इनको फ़ोन पर भी कहा था कि मेरे घर पर आइए मनीष यादव जी."


पिता के मुताबिक लड़की से छेड़छाड़ की शिकायत पुलिस में नहीं की गई थी. बल्कि जिस मनीष यादव नाम के शख्स पर आरोप लग रहा है उससे लड़की के पिता ने फ़ोन पर बात कर उसे घर बुलाया था.. पिता का कहना है कि उससे पहले ही उनकी बेटी की हत्या हो गई. उन्होंने कहा, "परसों की बात थी मुझे नॉलेज नहीं था मेरी बेटी ने आकर मुझे कल बताया...मैंने मनीष को फ़ोन किया...आप मेरे घर आए मैं आपसे बात करूंगा..मैं आऊंगा.. सुबह आने से पहले उन्होंने तत्काल ये काम कर दिया."


पिता ने वारदात वाली रात कि रात करीब 12 बजे का समय था. वो अपनी पत्नी के साथ खाना खा कर छत पर टहल रहे थे. घर के मेन दरवाजा बंद तो था लेकिन अंदर से कुंडी नहीं लगी थी. तभी इनको गोली चलने की आवाज़ आई. ये नीचे की तरफ भागे और उन लड़कों का पीछा भी किया लेकिन तब तक को फरार हो गए. पिता ने बताया, "चैनल लगा था, गेट खुला था...चैनल मैंने लगा दिया था...पापा मेरी मम्मी..पापा की तबियत खराब है वो दूसरे बगल वाले मकान में भाई का मकान है..उसमें वो दवाई खिलाने के लिए चाय पिलाने के लिए मेरी मम्मी ले गई थी...पापा ने बोला था कि बेटा किवाड़ भेड देना मैं अभी आ रहा हूं बस..मैं चैनल लगा कर गेट भी लगा आया था उसी से ऊपर चढ़े थे.”


सवाल- चैनल वाले गेट है उस रूम में कोई नहीं था नीचे जो था वो खाली पड़ा था?


जवाब- मम्मी डैडी रहते है वहां लेकिन उस समय वो छोटे भाई के यहां थे. मैं तो बस इनके पीछे भागता रहा हूं. उसके बाद मैं नीचे जब आया हूं फिर इन्होंने फायरिंग की है. मेरे ऊपर एक अटैक किया है. मेरे गेट में गोली भी लगी है. फिर भी मैं उनके पीछे पीछे दौड़ा हूं"


क़त्ल की इस कहानी में कई पेच नज़र आए जो लड़की के परिवार को ही कटघरे में खड़ा करते हैं. लड़की के पिता के बयान और लड़की के दादा के बयान आपस में बिल्कुल भी मेल नहीं खाते है.. लकड़ी के पिता का कहना है जिस समय वारदात हुई उस समय इनके पिता यानी लड़की के दादा घर पर नही थे वो पड़ोस में अपने दूसरे बेटे के घर पर थे. वहीं दादा का कहना है कि उन्होंने आरोपियों को खुद घर के अंदर दाखिल होते हुए देखा..और उस समय वो घर पर ही थे.


सवाल- आप नीचे अंदर ही बैठे थे?


जवाब- हां. सौरभ गया, मनीष गया, फायर की आवाज़ हुई. मैंने कहा आवाज कहां से आ रही है. तब तक देखा ये भी गेट खुला हुआ है. जैसे ही मेरा बेटा ऊपर से आया पीछा किया. वो नहीं हाथ आए.


सवाल- ऊपर गए आपके सामने वो?


जवाब- हां, मैंने देखा है ना. झूठ नहीं बोलूंगा. मरते मर जाऊंगा, झूठ नहीं बोलूंगा.


सवाल- वो यहां से बाहर निकले?


जवाब- हां.


इतना ही नहीं लड़की के दादा के मुताबिक, आरोपी लड़के जिस दरवाजे से दाखिल हुए थे उस दरवाजे नहीं बल्कि वो दूसरे दरवाजे से भागे. लड़की के पिता के मुताबिक आरोपी लड़के उसी दरवाजे से फरार हुए जिससे दाखिल हुए थे.


सवाल- जिस दरवाजे से एंट्री की उसी भाग गए?


जवाब- उसी से भागे, उसे से मैं इनके पीछे भागा था.


सवाल- तो ये गली में इस तरफ गए कि इस तरफ?


जवाब- गली में मैं बीच मे ही उनको छोड़कर मैं जब रोने की आवाज़ आई.


सवाल- राइट साइड भागे या लेफ्ट साइड भागे?


जवाब- रोने चिल्लाने की आवाज़ आई तो मेरी हिम्मत काम नहीं कि मैं वहीं से बैक हो गया.


इतना ही पहले लड़की के पिता ने कहा कि उन्होंने आरोपियों का पीछा भी किया. लेकिन जब उनसे सवाल किया गया कि वो किस तरफ भागे इस बात का भी उनके पास कोई जवाब नहीं था. इस मामले में और भी बातें गौर करने वाली हैं. मसलन, जिस कमरे में लड़की की हत्या हुई वो कमरा लड़की का नहीं था, उसके पिता का था. लड़की की बुआ की बेटी ने बताया कि उसे तब पता चला जब सबके रोने की आवाज़ आने लगी.


सवाल ये है कि इतने बड़े घर में जब सब मौजूद है, रात का वक़्त है तो गोली की आवाज़ क्यों नहीं सुनाई दी गई? क्या परिवार कुछ छिपा रहा है? वही एक आरोपी की मां से जब हमने बात की तो उनका कहना था कि वारदात वाली रात उनका बेटा आगरा में था. वो घर आया ही नहीं.


पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और मामले की जांच की जा रही है. आगरा रेंज के आईजी ए सतीश गणेश का कहना है कि इस मामले में जो भी आरोपी होगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.


फिलहाल पुलिस मामले की संजीदगी से जांच कर रही है. पुलिस का कहना है कि परिवार की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है. पूछताछ के लिए कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है. जल्द ही क़त्ल की इस कहानी से पर्दा उठ जाएगा.


हत्या के इस पूरे मामले में लड़की के परिवार वालों के बयान आपस मे मेल नहीं खा रहे है. लड़की के पिता के मुताबिक, हत्यारे जिस दरवाजे से आए थे उसी से वापस भी भागे जबकि लड़की के दादा का कहना है कि वो दूसरे दरवाजे से फरार हुए. दादा का ये भी कहना है कि उन्होंने लड़कों को ऊपर जाते हुए देखा जबकि लड़की के पिता की मानें तो वारदात के समय लड़की के दादा घर में नहीं थे. कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ इस बात का खुलासा तो तभी होगा जब पुलिस संजीदगी से इस मामले की जांच करेगी. अब पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती है ये पता लगाना कि आखिरकार लड़की की हत्या क्यों गई और हत्या करने वाले कौन हैं?


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