आज लेह लद्दाख को मिलेगी नई सौगात, पहाड़ में ब्लास्ट के साथ शुरू होगा 'जोजिला टनल' का काम
सुरंग की लंबाई 14.15 किलोमीटर होगी, जिसे बनाने में 6809 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. जो दूरी को तय करने में तीन घंटे लगते थे वो महज 15 मिनट में पूरी हो जाएगी.
लेह: अटल टनल के बाद आज लेह लद्दाख को एक और नई सौगात मिलने जा रही है. आज सुबह साढ़े 11 बजे पहाड़ में ब्लास्ट के साथ जोजिला टनल का काम शुरू होगा. तीन अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल के रोहतांग में दुनिया की सबसे लंबी अटल टनल का उद्घाटन किया था.
करगिल जिले के द्रास और सोनमर्ग के बीच प्रस्तावित ज़ोजिला टनल के निर्माण के लिए आज सुबह 11.30 बजे पहाड़ में पहला धमाका किया जाएगा. इस मौके पर खुद सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी मौजूद रहेंगे. उन्होंने ही इस धमाके की जानकारी ट्विटर पर दी है.
खर्च किए जाएंगे 6809 करोड़ रुपये
नितिन गडकरी ने कहा है, ‘’11575 फीट की ऊंचाई पर बनने वाला ये सुरंग बेहद आधुनिक होगा. सुरंग की लंबाई 14.15 किलोमीटर होगी, जिसे बनाने में 6809 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.’’
सबसे आधुनिक सुरंगों में से एक होगी जोजिला टनलThe most awaited Zojila Tunnel project will soon be a reality! Strategically important to the country's defence, the #ZojilaTunnel will provide all-weather connectivity between Srinagar, Drass, Kargil and Leh regions. #PragatiKaHighway pic.twitter.com/KoRfiHPqX7
— Office Of Nitin Gadkari (@OfficeOfNG) October 14, 2020
करगिल में बनने वाली जोजिला टनल हर लिहाज से दुनिया के सबसे आधुनिक सुरंगों में से एक होगी. अटल टनल की तरह ही जोजिला सुंरग बनाने का सपना पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने देखा था जिसे अब मोदी सरकार पूरा करने जा रही है.
करगिल के जोजिला दर्रे को दुनिया का सबसे खतरनाक दर्रा माना जाता. टनल के बनने से एक तो इसे पार करने का जोखिम कम होगा और जो दूरी को तय करने में तीन घंटे लगते थे वो महज 15 मिनट में पूरी हो जाएगी. जोजिला सुरंग, श्रीनगर, करगिल और लेह को आपस में जोड़ने में मददगार होगी. सुरंग से सेना को ना सिर्फ चीन सीमा बल्कि पाकिस्तानी की सीमा पर भी जवानों की तैनाती में मदद मिलेगी.
अटल सुंरग की वजह से लेह लद्दाख जाने का रास्ता आसान हुआ
बता दें कि दस हजार फीट की ऊंचाई पर पहाड़ के सीने को चीर कर बनाई गई अटल सुंरग की वजह से लेह लद्दाख जाने का रास्ता साल के बारहों महीने के लिए खुल गया है. इसकी बदौलत अब हमारी सेना बड़ी तेजी से सरहदी इलाकों में अपना सोजा सामान पहुंचा सकती है.
यह भी पढ़ें-
असम में NRC की फाइनल लिस्ट से हटाए जाएंगे अपात्र लोगों और उनके वंशजों के करीब 10 हजार नाम