रांची: झारखंड की नई नवेली सरकार का पहला बजट सत्र 28 फरवरी से शुरू होने जा रहा है. इस बजट में राज्य की अर्थव्यवस्था और अगले 1 साल की योजनाओं को लेकर चर्चा होगी. माना जाता है कि चुनाव के बाद का पहला बजट सरकार की अगले 5 साल की मंशा का एक आदर्श उदाहरण होता है. कई योजनाओं को देखकर अंदाजा लग जाता है कि अगले 5 सालों तक सरकार का कामकाज किस तरह का रहने वाला है.
झारखंड की नई सरकार का पहला बजट सत्र बिना नेता प्रतिपक्ष के ही शुरू होने जा रहा है और ऐसा राज्य गठन के 19 सालों के इतिहास में पहली बार होने जा रहा है. दरअसल JMM+कांग्रेस+RJD की सरकार में कांग्रेस ने नए-नए BJP में शामिल हुए बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष मानने से इनकार कर दिया जबकि BJP ने बाबूलाल मरांडी के पार्टी में आने के बाद बाकायदा विधायकों की बैठक कर बाबूलाल मरांडी को विधायक दल का नेता चुना लेकिन बावजूद इसके कांग्रेस ने बाबूलाल को विधायक दल का नेता नहीं माना.
यही वजह है कि गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो की तरफ से सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी जिसमें BJP की तरफ से वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री CP सिंह को बुलावा भेजा गया था, नतीजा ये रहा कि सरकार के इस कदम से BJP नाराज हो गई और BJP की तरफ से कोई भी विधायक इस बैठक में शामिल नहीं हुआ.
अब ऐसे में राज्य की नई सरकार का पहला बजट सत्र बिना नेता प्रतिपक्ष के ही शुरू होने जा रहा है. हो सकता है आने वाले दिनों में नेता प्रतिपक्ष भी बजट सत्र की चर्चा में शामिल हों लेकिन 19 सालों के इतिहास में पहली बार बिना नेता प्रतिपक्ष के बजट सत्र की शुरुआत का इतिहास तो बन ही गया.
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28 फरवरी को बिना नेता प्रतिपक्ष के ही शुरू होगा झारखंड की नई सरकार का पहला बजट सत्र
आदर्श सिंह
Updated at:
27 Feb 2020 11:13 PM (IST)
झारखंड की नई सरकार का पहला बजट सत्र बिना नेता प्रतिपक्ष के ही शुरू होने जा रहा है और ऐसा राज्य गठन के 19 सालों के इतिहास में पहली बार होने जा रहा है.
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