भुवनेश्वरः देश में कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण के मामले गांवों और दूरदराज के क्षेत्रों में भी आ रहे हैं. ओडिशा में रायगड़ा जिले के नियमगिरि पहाड़ियों में बसे डोंगरिया कोंध जनजाति में कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला सामने आया है. भारत में विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूहों में से एक डोंगरिया कोंध पहली लहर के दौरान अछूते रहे थे. पोषण की कमी और एकांत जीवन शैली के कारण उनकी कमजोर इम्युनिटी को देखते हुए राज्य के अधिकारी उन पर कोविड -19 लहर के इफेक्ट को लेकर चिंतित हैं.
जिला प्रशासन ने विशेष रूप से कल्याणसिंहपुर ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले गांवों में डोर-टू-डोर सर्वेक्षण शुरू किया था. जिला कलेक्टर सरोज कुमार मिश्रा के अनुसार, “हमारे फील्ड स्टाफ द्वारा किए जा रहे वीकेंड के डोर-टू-डोर सर्वे के दौरान हल्के लक्षण सामने आए थे और गुरुवार को चार लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई." अधिकारियों ने कहा कि चारों व्यक्ति स्टेबल हैं और आइसोलेशन में हैं.
जनजाति के लोग ज्यादातर अपने गांवों तक ही रहते हैं सीमित
अधिकारियों के अनुसार, जो लोग चारों व्यक्तियों के निकट संपर्क में रहे हैं, उन्हें क्वारंटीन कर दिया गया है और वे ऑब्जर्वेशन में हैं. नियमगिरि से सबसे नजदीक कोविड अस्पताल 45 किमी दूर है. जनजाति के सदस्य ज्यादातर अपने गांवों तक ही सीमित रहते हैं और अधिकारी संक्रमण के स्रोत को ट्रैक करने की कोशिश कर रहे हैं. रायगड़ा आंध्र प्रदेश के साथ एक बॉर्डर शेयर करता है और ओडिशा सरकार ने पहले वायरस फैलने से रोकने के लिए बॉर्डर सील कर दिया था.
जिले के 102 गांवों में फैले हैं डोंगरिया कोंध
रायगडा जिले की नियमगिरी पहाड़ियों में बिसमकटक, कल्याणसिंहपुर और मुनिगुडा ब्लॉक में फैले 102 गांवों में कुल 2,461 डोंगरिया कोंध परिवारों के 9,597 लोग रहते हैं. जिला कलेक्टर के अनुसार, “जनजाति के सदस्यों के आस-पास के गांवों में बाजारों में जाने के कारण संक्रमित होने संभावना सबसे अधिक है. हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि यह संक्रमण समुदाय के अन्य गांवों में नहीं फैले. ” प्रशासन ने जागरूकता कार्यक्रम भी तेज किए हैं और ग्रामीणों को संक्रमण के लक्षण दिखने पर प्रशासन से संपर्क करने के लिए कहा जा रहा है.
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