वॉशिंगटन: एयर इंडिया की आज शुरू की गई नयी दिल्ली से वॉशिंगटन डीसी की पहली सीधी उड़ान डलेस अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर पहुंच गई. बारह हजार किलो मीटर से अधिक की इस उड़ान के जरिए भारत और अमेरिका की राजधानियां के बीच सीधी यात्रा की सुविधा हो गयी है. एआई-103 विमान के डलेस हवाईअड्डे पर उतरते ही उसका पानी की बौछार से स्वागत किया गया. साथ ही एक स्वागत समारोह का भी आयोजन किया गया.


अमेरिका में भारतीय राजदूत नवतेज सरना, एयर इंडिया के चेयरमैन- प्रबंध निदेशक अश्विनी लोहानी और वाणिज्यिक निदेशक पंकज श्रीवास्तव भी इस विमान से यात्रा कर वॉशिंगटन पहुंचे. एयर इंडिया ने इस सेवा के लिए "बोइंग 777-200 एलआर" विमान तैनात किया गया है. विमान में कुल 238-सीटें हैं जिसमें प्रथम श्रेणी की आठ, बिजनेस श्रेणी की 35 और इकॉनमी श्रेणी की 195 सीटें हैं.


अमेरिका जाने वाले उड़ानों की करीब 90 प्रतिशत सीटें हो चुकी हैं बुक
कंपनी के एक प्रवक्ता ने बताया कि एयर इंडिया नौ जुलाई से 17 जुलाई के बीच अमेरिका के लिये 321 सीटों वाला बड़ा विमान बोइंग-777-300 ईआर का परिचालन करेगी. प्रवक्ता के अनुसार जुलाई महीने में अमेरिका जाने वाले उड़ानों की करीब 90 प्रतिशत सीटें बुक हो चुकी हैं. अमेरिकी दूतावास के प्रभारी मैरीके लॉस कार्लसन, लोहानी, श्रीवास्तव और अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में आज यहां इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से इस विमान सेवा की शुरआत की गयी.


न्यूयार्क, नेवार्क, शिकागो और सैन फ्रांसिस्को के लिए एयर इंडिया की सेवाएं हैं उपलब्ध
अमेरिकी राजधानी वॉशिंगटन डीसी के लिये यह सेवा सप्ताह में तीन बार उपलब्ध होगी. वॉशिंगटन के अलावा न्यूयार्क, नेवार्क, शिकागो और सैन फ्रांसिस्को के लिए एयर इंडिया की सेवाएं उपलब्ध हैं. दिल्ली से नेवार्क, न्यूयार्क और शिकागो के लिए दैनिक उड़ान सेवाएं हैं जबकि दिल्ली से सैन फ्रांसिस्को के लिए उड़ान सप्ताह में 6 दिन उपलब्ध है.


लॉस एंजिलिस और हयूस्टन के लिए भी सेवाए शुरू करेगा एयर इंडिया
एयर इंडिया अमेरिका में अन्य शहरों जैसे लॉस एंजिलिस और हयूस्टन आदि के लिए भी सेवाएं शुरू करने की योजना बना रही है. आपको बता दें कि इस विमानन कंपनी की करीब 20 प्रतिशत कमाई अमेरिकी उड़ान सेवाओं से होती है. पिछले वित्त वर्ष में कंपनी की अमेरिकी उड़ान सेवायें से मिलने वाला कुल राजस्व करीब 3,200 करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 2014-15 की तुलना में 17 प्रतिशत अधिक था.