नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15-16 जून की रात को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी. इस खूनी झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. इस झड़प में चीन के 43 सैनिकों के हताहत होने की खबर सामने आई थी, लेकिन चीन ने इस खबर से इनकार किया था. अब गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के मारे जाने का पहला प्रमाण सामने आया है. दरअसल, चीनी सैनिकों के कब्र की तस्वीर एबीपी न्यूज के हाथ लगी है. कब्र में साफ तौर पर लिखा है कि 19 साल के सैनिक की मौत जून के महीने में भारतीय सीमा पर हुई.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चीन की PLA सेना ने अभी तक गलवान घाटी में हताहत हुए अपने सैनिकों का ब्यौरा जारी नहीं किया है. गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के मारे जाने की खबर को भले ही चीनी सेना ने छिपाया लिया हो, लेकिन अब चीनी सैनिकों के मारे जाने का प्रमाण दुनिया के सामने आने लगा है. चीनी सेना के एक सैनिक की कब्र की एक तस्वीर सामने आई है, जिसमें साफ तौर से लिखा है कि उसकी मौत भारतीय सीमा पर जून के महीने में हुई है.
15-16 जून की रात ही गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक संघर्ष हुई थी. अभी तक चीनी सेना ने आधिकारिक तौर से खुलासा नहीं किया है कि इस खूनी झड़प में उसके कितने सैनिक हताहत हुए थे जबकि भारतीय सेना ने महज़ कुछ घंटे के भीतर ही अपने सैनिकों की शहादत की खबर जारी कर दी थी.
एबीपी न्यूज को विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी और तस्वीर से साफ हो जाता है कि गलवान घाटी में चीनी सैनिक भी मारे गए थे. तस्वीर एक चीनी सैनिक की कब्र की है. कब्र पर साफ लिखा है कि 19 साल के इस चीनी सैनिक की मौत भारतीय सीमा पर हुई है.
कब्र पर इस सैनिक का नाम चेन शियानग्रोंग लिखा है, जो फुजियान प्रांत के पिंगनान का रहने वाला है. सैनिक का जन्म दिसंबर 2001 में हुआ है और मौत जून, 2020 लिखी है. चीनी भाषा में लिखा है कि उसकी मौत बॉर्डर पर भारत के खिलाफ लड़ते हुए हुई है. कब्र पर ये भी लिखा है कि सैनिक को चीन के सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (सीएमसी) से 'फर्स्ट क्लास मेरिट' का प्रशस्ति-पत्र मिला है. आपको बता दें कि चीन में सीएमसी सबसे बड़ी सैन्य संस्था है, जिसके चैयरमैन चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग खुद हैं.
चीनी सैनिक चेन शियानग्रोंग की कब्र पर उसकी मिलिट्री यूनिट तक का नाम लिखा है. इस कब्र पर चेन को दक्षिणी शिंचायिंग मिलिट्री डिस्ट्रिक से जुड़ा बताया गया है जिसकी यूनिट या फिर खुद उसका नंबर दिया गया है (नंबर 69316). ये शिंचायिंग मिलिट्री डिस्ट्रिक ही पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी की सुरक्षा में तैनात है.
कब्र पर कुछ अधजली सिगरेट के टुकड़े रखे हुए हैं. जानकारों की मानें तो चीन में सिगरेट को सामाजिक तौर से शुभ माना जाता है. सोशल इंटरेक्शन्स में जब लोग एक दूसरे से मिलते हैं तो उसे सिगरेट का पैकेट गिफ्ट करते हैं. इसे दोस्ती और सम्मान के नजरिए से देखा जाता है. इसलिए बहुत हद तक संभव है कि चेन शियानग्रोंग भी सिगरेट पीता हो और उसके साथियों ने उसकी याद में सिगरेट को पीकर उसकी कब्र पर छोड़ दिया हो. यहां ये बात दीगर है कि एलएसी पर मौजूदा तनाव से पहले भारत और चीन की सेनाओं के बीच अगर कोई फ्लैग-मीटिंग होती थी तो चीनी सेना सिगरेट के पैकेट्स का आदान प्रदान करती थी.
एबीपी न्यूज को जो चेन शियानग्रोंग की कब्र की जो तस्वीर मिली है, उसमें अकेले उसकी ही कब्र नहीं दिखाई पड़ रही है बल्कि दो और कब्र भी दिखाई पड़ रही हैं. दोनों ठीक उसके पीछे हैं. एक कब्र चेन की कब्र के पीछे छिप गई है जबकि दूसरे की कब्र थोड़ी दिख रही है. इस कब्र का पत्थर भी ठीक वैसे ही काले रंग का है जैसा चेन शियानग्रोंग की कब्र का है. ऐसे में इस बात का अंदेशा भी जताया जा रहा है कि ये तस्वीर किसी चीनी सेना के कब्रगाह की है, जिसमें उन सैनिकों को दफनाया गया है, जिनकी मौत गलवान घाटी की हिंसा में भारतीय सैनिकों के साथ झड़प में हुई थी.
आपको बता दें कि 15-16 जून की रात पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इस झड़प में भारत के 20 सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गए थे और 96 सैनिक घायल हुए थे. लेकिन चीन की पीएलए सेना ने अभी तक अपने हताहत हुए सैनिकों का आंकड़ा जारी नहीं किया है. मई के महीने से पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच सीमा विवाद को लेकर टकराव चल रहा है. हालांकि, अब चीन में भी चीनी सैनिकों की शहादत को लेकर सरकार से सवाल-जवाब करने लगे हैं. चीनी सोशल मीडिया साइट, 'वीचैट' पर चेन शिनयांग्रोंग की मौत को लेकर लोगों में रोष दिखाई पड़ रहा है. एक चैट में किसी ने लिखा कि, " क्या विडंबना है, मुझे लगा था कि भारत के साथ हुई झड़प में चीन का कोई नुकसान नहीं हुआ है. लेकिन भारत के 20 सैनिकों के मौत की खबर भी इस नौजवान (चेन शियानग्रोंग ) के माता-पिता के दर्द को कम कर सकती है."