लेह: गलवान घाटी और गोगरा के बाद गुरूवार को चीनी सेना हॉट-स्प्रिंग (पीपी-17) और फिंगर एरिया 4 से भी पीछे हट गई है. लेकिन इस डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया में भारतीय सेना को भी फिंगर एरिया में 'जितना जरूरी' था पीछे हटना पड़ा है. सूत्रों की मानें तो चीनी सैनिक जो फिंगर 4 पर जमे हुए थे, वे अब फिंगर 5 पर चले गए हैं. यानि चीनी सेना पीछे हट गई है. हालांकि कुछ चीनी सैनिक गुरूवार शाम तक फिंगर-4 की रिज लाइन पर दिखाई पड़ रहे थे. लेकिन सूत्रों की मानें तो शुक्रवार को वे भी फिंगर 5 पर चल जाएंगे.
लेकिन फिंगर एरिया की डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया में भारतीय सैनिकों को भी पीछे हटना पड़ा है. ये भारत के लिए एक झटका हो सकता है क्योंकि फिंगर 4 में भारत की आईटीबीपी पोस्ट कई सालों से थी. हालांकि, अभी इस पोस्ट के बारे में साफ साफ पता नहीं चला है लेकिन फिंगर 4 से भारतीय सैनिक पीछे जरूर हट गए हैं.
दरअसल, 1999 के बाद से ही फिंगर 8 से फिंगर 5 के बीच एक सड़क बनाकर चीन की पीएलए सेना ने अपना यहां कब्जा कर लिया था. सड़क बनने के बाद भी चीनी सेना ने यहां (5-8) के बीच कभी कोई पोस्ट (चौकी) या बंकर नहीं बनाया था. चीनी सेना फिंगर 8 के पीछे सिरेजैप इलाके से ही इस इलाकी की निगरानी करती आई थी. अगर भारतीय सैनिक पेट्रोलिंग के लिए कभी यहां आते थे तो गाड़ी से तुरंत यहां पहुंचकर बैनर-ड्रिल दिखाकर भारतीय सैनिकों को पीछे भेज देती थी. ऐसे में लाइन ऑफ एक्चुयल कंट्रोल (एलएसी) को फिंगर 5 और 4 के बीच मान लिया गया था. भारत की चौकी फिंगर 4 पर पहले से ही था.
लेकिन इस साल 5-6 मई को चीनी सेना ने फिंगर 4 की रिज लाइन तक पहुंच गई और, फिंगर 4 और 5 के बीच बंकर और 'पिल-बॉक्स' बना लिए. जिसके चलते दोनों देशों के सैनिकों के बीच जमकर मारपीट हुई. उसके बाद से ही दोनों देशों के सैनिक यहां एक दूसरे के सामने आकर जम गए थे और फेसऑफ की स्थिति बनी हुई थी.
30 जून को कोर कमांडर स्तर की बातचीत में दोनों देश फिंगर एरिया में पीछे हटने को तैयार हो गए थे. उसी डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया के तहत फिंगर एरिया में दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट रही हैं.
इस बीच हॉट-स्प्रिंग की पैट्रोलिंग पॉइंट नंबर 17 पर भी दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट गई हैं ताकि दोनों देशों के सैनिकों के बीच बफर जोन बनाया जा सके. बुधवार तक गलवान घाटी की पीपी नंबर 14 और गोगरा की पीपी 15 पर भी डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी.
उच्च पदस्थ सूत्रों ने एबीपी न्यूज को बताया कि जैसे ही पहले चरण की डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, दोनों देशों के कोर कमांडर स्तर की चौथी दौर की बैठक होगी. माना जा रहा है कि आने वाले हफ्ते में ये मीटिंग हो सकती है.
इस मीटिंग में पहले चरण के डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया की समीक्षा की जाएगी यानि जो अभी तक गलवान घाटी, गोगरा, हॉट स्प्रिंग और फिंगर एरिया में हुई है. इसके बाद दूसरी चरण के डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया शुरू होगी. उसमें माना जा रहा है कि एलएसी पर दोनों देशों की सेनाओं द्वारा किए गए मिलिट्री बिल्ट-अप पर बातचीत होगी. पहले चरण में डेपसांग प्लेन्स भी शामिल नहीं था. उसे भी दूसरे चरण में शामिल किया जा सकता है.
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