‘पहली निजी रेलगाड़ी तेजस एक्सप्रेस को पहले महीने में 70 लाख रुपये का फायदा’
यह गाड़ी औसतन 80-85 प्रतिशत भरी सीट के साथ चली. अक्टूबर में इसके चलाने का आईआरसीटीसी का खर्च करीब तीन कारोड़ रुपये रहा.
नई दिल्लीः भारतीय रेल की पहली प्राइवेट रेलगाड़ी तेजस को अपने परिचालन के पहले महीने अक्टूबर में 70 लाख रुपये का फायदा हुआ. सूत्रों के अनुसार इस दौरान इस गाड़ी को टिकट की बिक्री से करीब 3.70 करोड़ रुपये की आय हुई. यह रेलगाड़ी लखनऊ-दिल्ली मार्ग पर चलाई जा रही है. इसका परिचालन ऑनलाइन टिकट, भोजन और पर्यटन संबंधी सुविधाएं देने वाली रेलवे की कंपनी आईआरसीटीसी कर रही है.
सरकार ने रेलवे में सुधार के लिए 50 स्टेशनों को विश्वस्तरीय बनाने और रेलवे नेटवर्क पर 150 यात्री रेलगाड़ियों का परिचालन ठेका निजी इकाइयों को देने का लक्ष्य रखा है. तेजस एक्सप्रेस इसी योजना का हिस्सा है. यह गाड़ी अक्टूबर में पांच से 28 अक्टूबर तक 21 दिन चलायी गयी. इसकी सेवा सप्ताह में छह दिन है.
सूत्रों के अनुसार इस दौरान यह गाड़ी औसतन 80-85 प्रतिशत भरी सीट के साथ चली. अक्टूबर में इसके चलाने का आईआरसीटीसी का खर्च करीब तीन कारोड़ रुपये रहा. रेलवे की इस अनुषंगी कंपनी को इस अत्याधुनिक यात्री किराए से प्रति दिन औसतन 17.50 लाख रुपये की आमदनी हुई जबकि 14 लाख रुपये खर्च करना पड़ा.
तेजस एक्सप्रेस में भोजन, 25 लाख रुपये तक का मुफ्त यात्री बीमा और विलंब पर क्षतिपूर्ति जैसी सुविधाएं हैं.
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