Tejas Trainer Aircraft First Flight: हल्के लड़ाकू विमान (Light Combat Aircraft) तेजस (Tejas) के परीक्षण विमान ने बुधवार (5 अप्रैल) को अपनी पहली उड़ान भरी. तेजस विमान का प्रोडक्शन हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की ओर से किया जा रहा है. पहली सीरीज के प्रोडक्शन के तहत तैयार हुए तेजस के परीक्षण विमान ने बेंगलुरु में एचएएल के हवाई अड्डे से अपनी पहली उड़ान भरी. यह सफल उड़ान लगभग 35 मिनट तक चली. एचएएल ने इसे एक बड़ा मील का पत्थर बताया है. 


तेजस अत्यधिक तेज सुपरसोनिक लड़ाकू विमान है, जिसका संचालन उच्च-खतरे वाले वातावरण में किया जा सकता है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने ट्वीट किया, ‘‘एलसीए तेजस कार्यक्रम के एक प्रमुख मील के पत्थर के तहत एचएएल की ओर से निर्मित मानक एलसीए परीक्षण विमान (एलटी 5201) ने एचएएल हवाई अड्डे से आज अपनी पहली उड़ान भरी और लगभग 35 मिनट की सफल उड़ान पूरी करने के बाद उतरा.’’


तेजस की उड़ान का वीडियो



हल्का लड़ाकू विमान तेजस क्यों है खास?


स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस को एचएएल के एयरक्राफ्ट रिसर्च एंड डिजाइन सेंटर (ARDC) के सहयोग से एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) डिजाइन किया है. इसे भारतीय वायुसेना और नौसेना के लिए तैयार किया गया है. यह सिंगल इंजन और डेल्टा विंग (त्रिभुजाकार विंग) वाला लाइट मल्टीरोल (कई उद्देश्यों में काम आने वाला) फाइटर जेट है. इसका वजन 6,500 किलोग्राम है. 


तेजस के 50 फीसदी कलपुर्जे भारत निर्मित हैं. इसमें इजरायल के EL/M-2052 रडार का इस्तेमाल किया गया है. एक साथ 10 टारगेट को ट्रैक करना हो या उन पर हमला करना हो, तेजस इन खूबियों से लैस है. इसे टेकऑफ करने के लिए बेहद छोटे रनवे की जरूरत पड़ती है.


तेजस को 6 तरह की मिसाइलों, लेजर गाइडेड बम और कलस्टर हथियारों लैस किया जा सकता है. इसमें सेल्फ प्रोटेक्शन जैमर लगा है जो हमले की स्थिति में इसे बचाने में मदद कर सकता है. यह हल्का विमान एक बार में 3,000 किलोमीटर तक की उड़ान भर सकता है. तेजस का एडवांस्ड वर्जन 'तेजस मार्क-2' है जो कि 56 हजार से ज्यादा फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है. इसे रूसी फाइटर मिग-21 (MiG-21) से बेहतर विकल्प बताया जाता है.


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