नई दिल्ली: दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी सेना भारतीय सेना आज थल सेना दिवस मना रही है. हर साल 15 जनवरी को थल सेना दिवस पर दिल्ली के परेड ग्राउंड में आर्मी डे परेड होती है जिसे आर्मी डे के तमाम कार्यक्रमों में सबसे बड़ा कार्यक्रम माना जाता है.


सुबह 10 बजे से करियप्पा ग्राउंड में होने वाली आर्मी डे कार्यक्रम में कुछ नयी चीजें भी होने वाली हैं जैसे आर्मी डे परेड में पहली बार पुरूषों के कंटिजेंट को इंडियम आर्मी कैप्टन तानिया शेरगिल लीड करेंगी. ऐसा करने वाली तानिया शेरगिल भारत के इतिहास में पहली महिला होंगी.


कैप्टन तानिया शेरगिल को जानिए
तानिया शेरगिल चौथी पीढ़ी की महिला सैन्य अफसर हैं. तानिया के पिता, दादा और परदादा तक आर्मी में रह चुके हैं. इलेक्ट्रानिक्स में बीटेक कर चुकीं तानिया 2017 में चेन्नई के ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी से सेना में शामिल हुई हैं. तानिया इस साल गणतंत्र दिवस की परेड में पहली महिला परेड सहायक भी होंगी. इससे पहले साल 2019 की गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार पुरूषों के कंटिंजेंट को लीड करने वाली भी एक महिला थीं जिनका नाम था कैप्टन भावना कस्तूरी.


परेड में पहली बार शामिल होंगे सीडीएस, सेना प्रमुख लेंगे सलामी
इस साल आर्मी परेड की एक खास बात होगी कि इसमें तीनों सेना प्रमुखों के साथ साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ बिपिन रावत भी शामिल होंगे. इस मौके पर थल सेना प्रमुख जनरल मुकंद नरवाणे परेड की सलामी लेंगे और थल सेना प्रमुख के तौर पर पहली बार सैनिकों को संबोधित करेंगे. इससे पहले आज सुबह सीडीएस बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुख ने वॉर मेमेरियल पर जाकर शहीदों को नमन किया.


परेड में सेना दिखाएगी अपना शौर्य, जवान होंगे सम्मानित
इस बार परेड में इन्फेंटरी कॉम्बेट व्हीकल बीएमपी-2के, के9 वज्र-टी आर्टीलरी गन, देश में बनी तोप धनुष, युद्धक टी-90 भीष्म टैंक के साथ सेना अपना शौर्य का प्रदर्शन करेगी. परेड में 18 अलग अलग कंटीजेंट भी होंगे.


आर्मी डे पर 15 जवानों को गैलेंटरी अवार्ड और 18 बटालियनों को यूनिट साइटेशन्स अवार्ड भी मिलेगा. परंपरा के अनुसार कार्यक्रम समाप्त होने के बाद सेना प्रमुख अपने सरकारी निवास पर रिसेप्शन देंगे जिसमें प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, सशस्त्र सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारी और पूर्व आर्मी चीफ शामिल होते हैं


इसलिए मनाया जाता है सेना दिवस
हर साल 15 जनवरी को भारतीय थल सेना दिवस मनाया जाता है. आज ही के दिन 1949 में फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने जनरल फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना की कमान ली थी. फ्रांसिस बुचर भारत के अंतिम ब्रिटिश कमांडर इन चीफ थे. फील्ड मार्शल केएम करियप्पा भारतीय आर्मी के पहले कमांडर इन चीफ बने थे.


करियप्पा के भारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर का पदभार ग्रहण करने के उपलक्ष्य में हर साल यह दिन मनाया जाता है. आर्मी डे पर पूरा देश थल सेना के अदम्य साहस, उनकी वीरता, शौर्य और उसकी कुर्बानी को याद करता है.