Chandrayaan 3 Live: चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग हो गई है. लैंडिंग का वीडियो भी सामने आ गया है. इसके साथ ही भारत उन देशों की फेहरिस्त में शामिल हो गया है, जिन्होंने चांद पर अपना परचम लहराया है. भारत से पहले केवल अमेरिका, रूस और चीन ही सफतलापूर्वक चांद पर अपने स्पेसक्राफ्ट भेज चुके हैं.
हालांकि, इनमें से किसी भी देश ने अपना स्पेसक्राफ्ट साउथ पोल पर लैंड न करवाया है. यह पहला मौका है जब कोई देश चांद के दक्षिणी ध्रुव पर अपना स्पेसक्राफ्ट को उतारेगा. यह ही वजह कि दुनिया भर के साइंटिस्ट चंद्रयान पर नजरें लगाए बैठे हैं.
धरती जैसा ही चांद का साउथ पोल
चांद का साउथ पोल पृथ्वी के दक्षिणी ध्रुव जैसा ही है. यहां पर ठंड रहती है और सूरज की रोशनी भी मुश्किल से ही पहुंच पाती है. इतना ही नहीं चांद के साउथ पोल पर भी रात को तापमान कम हो जाता है. यह ही कारण के कि चांद के इस हिस्से पर अभी तक किसी भी देश ने स्पेसक्राफ्ट की सॉफ्ट लैंडिंग नहीं की है.
किस रूट से चांद तक पहुंचा चंद्रयान-3
बता दें कि चंद्रयान-3 इस साल 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस रिस्रच सेंटर से लॉन्च किया गया था. यह स्पेसक्राफ्ट व्हीकल मार्क-3 के जरिए पृथ्वी के ऑर्बिट में पहुंचा. इसके बाद इंडियन स्पेस रिसर्च ओर्गानाइजेशन (ISRO) के वैज्ञानिकों ने बर्न प्रक्रिया के जरिए स्पेसक्राफ्ट को चांद के ऑर्बिट में शिफ्ट कर दिया था.
कितने दिन चलेगा इसरो का मून मिशन?
चंद्रयान-3 चांद पर 14 दिन काम करेगा. इस दौरान इसरो के वैज्ञानिक चांद पर पानी खोज करने के साथ-साथ खनिज की जानकारी हासिल करेंगे. इसके अलावा वे भूकंप, गर्मी और चांद की मिट्टी की स्टडी भी करेंगे.