2012 में भारतीय समुद्री क्षेत्र में प्रवेश कर इटली के दो नेवी सैनिकों ने केरल को दो मछुआरे को मार गिराया था. दोनों नेवी को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया और उसके खिलाफ मामला भी चला. अब नौ साल बाद दोनों के खिलाफ सभी मामले को सुप्रीम कोर्ट ने बंद करने का निर्देश दिया है.


इससे पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर दोनों इटालियन नेवी के खिलाफ केस बंद करने का अनुरोध सुप्रीम कोर्ट से किया था. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में इंदिरा बनर्जी और एम आर शाह की पीठ ने इतालवी नौसैनिकों  मासिमिलियानो लातोरे और सल्वाटोर गिरोन (Salvatore Girone and Massimiliano Latorre.) के खिलाफ भारत में सभी कार्यवाही को बंद करने पर सहमति दे दी है. 


10 करोड़ का मुआवजा पर्याप्त 
सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि चूंकि भारत ने अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता पंचाट को स्वीकार किया है इसलिए दोनों सैनिको के खिलाफ जो भी मामला बनेगा उसकी जांच इटली में की जाएगी. कोर्ट ने पहले से किए गए भुगतान के अलावा इटली द्वारा 10 करोड़ रुपये की मुआवजे को उचित और पर्याप्त करार दिया. पीठ ने शुक्रवार को कहा कि मुआवजे की राशि को केरल उच्च न्यायालय को हस्तांतरित किया जाना चाहिए ताकि उसके वितरण की उचित निगरानी की जा सके.


केंद्र ने केस बंद करने का अनुरोध किया था
इससे पहले केंद्र सरकार ने केरल के दो मछुआरों के परिवारों को मुआवजे के रूप में इटली सरकार की तरफ से भुगतान किए गए 10 करोड़ रुपये सुप्रीम कोर्ट में जमा कर दिए थे. केंद्र सरकार ने अपनी याचिका में दो भारतीय मछुआरे की हत्या के मामले में दो इटालियन सैनिकों के खिलाफ केस बंद करने की मांग की थी. इसके बाद पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इटली सरकार द्वारा दिए गए मुआवजे की राशि 10 करोड़ रुपए को मृतक मछुआरों के परिजनों के अकाउंट में जमा करने को कहा था. हालांकि कोर्ट ने कहा था कि जब तक हम पीड़ित की बात नहीं सुनेंगे तब तक कोई भी फैसला नहीं देंगे. 


कैसे मारे थे केरल के मछुआरे को 
गौरतलब है कि 15 फरवरी, 2012 को केरल के दो मछुआरे लक्षद्वीप के एक टापू से मछली मार कर अपने जहाज से वापस आ रहे थे. उधर से एमटी एनरिका लेक्सी जहाज से तेल का टैंक आ रहा था. इसी जहाज पर इतालवी नौसैनिक सवार थे. इनमें से दो ने भारतीय मछुआरे पर गोली चला दी जिसके बाद दोनों की मौत हो गई. जहां गोली चलाई गई थी वह केरल तट से 20.5 नौटिकल मील दूरी पर था. ये दोनों मछुआरे केरल के थे. पुलिस ने इतालवी नौसैनिकों  के खिलाफ मामला दर्ज किया था.


मेडिकल ग्राउंड पर इटली में रह रहे थे आरोपी 
दोनों इटालियन सैनिक भारत के जेल में बंद थे लेकिन 31 अगस्त 2014 को ब्रेन स्ट्रोक का शिकार हुए लातोरे को पहली बार 12 सितंबर 2014 को शीर्ष अदालत ने जमानत दी थी और उन्हें चार महीने के लिए इटली वापस जाने की अनुमति दी गई थी और उसके बाद जमानत की अवधि को बढ़ा दिया गया था. लातोरे की दिल की सर्जरी हुई और जिसके बाद शीर्ष अदालत ने उन्हें इटली में रहने की अवधि बढ़ा दी. 28 सितंबर, 2016 को  सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक कि अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता पंचात क्षेत्राधिकार के मुद्दे पर अपना फैसला नहीं देता, तब तक लातोरे अपने देश इटली में रह सकता है.