पटना: बिहार पुलिस महकमे में आने वाले दिनों बड़ा बदलाव होने वाला है. बिहार पुलिस मुख्यालय के स्थापना और विधि प्रभाग ने शुक्रवार को बिहार सरकार के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र जारी कर इस बदलाव के संबंध में सूचित किया है. विभाग की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि बिहार पुलिस के सभी पुलिसकर्मियों का समय-समय फिजिकल ट्रेनिंग करना अनिवार्य होगा. दो पार्ट में ट्रेनिंग करनी पड़ेगी. पहली ट्रेनिंग क्वालीफाई करने वाले पुलिसकर्मियों को ही पहला प्रमोशन मिलेगा. वहीं दूसरे प्रोमोशन के लिए भी दूसरी ट्रेनिंग क्वालीफाई करनी पड़ेगी.
विभाग की ओर से बिहार सरकार के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को जारी पत्र में कहा गया है कि बिहार पुलिस में नियुक्त होने वाले सभी पुलिस पदाधिकारी और कर्मियों के लिए अनिवार्य आधारभूत प्रशिक्षण (basic training) का प्रावधान है. लेकिन उसके बाद पदाधिकारियों के लिए अनिवार्य प्रशिक्षण की कोई व्यवस्था नहीं है. बिहार पुलिस सेवा की लंबी अवधि के दौरान बहुत से बदलाव होते हैं. नई चुनौतियां सामने आती हैं. विधायिका की ओर से नए कानून बनाए जाते हैं, जिनके क्रियान्वयन में पुलिस जवानों की अहम भूमिका होती है.
सरकार की ओर से जनकल्याण की विभिन्न योजनाओं में पुलिस जवानों को जिम्मेदारी सौंपी जाती है. जनाकांक्षाओं में लगातार बदलाव आते हैं, जिसकी पूर्ति के लिए पुलिस पदाधिकारियों को नए सिरे से प्रशिक्षित करने की जरूरत है. साथ ही पुलिस पदाधिकारियों की शारीरिक क्षमता बनाए रखने के लिए ट्रेनिंग की जरूरत होती है. अनुशासन का स्तर बना रहे और और विभागीय जिम्मेवारी के निर्वहन के लिए संस्थागत ट्रेनिंग में भाग लेना जरूरी है.
भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के पदाधिकारियों के लिए आधारभूत ट्रेनिंग के बाद सेवाकाल के दौरान तीन ट्रेनिंग कार्यक्रम में भाग लेना अनिवार्य होता है. यह उनकी व्यवसायिक कार्यकुशलता की वृद्धि और प्रोमोशन के भी जरूरी होता है. इसी तर्ज पर अब बिहार पुलिस सेवा के पदाधिकारियों और अवर निरीक्षक कोटि में सीधे नियुक्त पुलिस पदाधिकारियों के लिए सेवा काल के दौरान प्रशिक्षण को अनिवार्य किया गया है.
आधारभूत प्रशिक्षण के अलावा बिहार पुलिस सेवक सभी पदाधिकारियों को बिहार पुलिस अकादमी, राजगीर में संचालित होने वाले 2 अनिवार्य प्रशिक्षण कार्यक्रमों में सेवाकाल के दौरान भाग लेना होगा. पहली ट्रेनिंग सेवा अवधि के 7-10 वर्ष के बीच और दूसरी ट्रेनिंग सेवा अवधि के 14-18 साल के बीच होगी. इस दोनों ट्रेनिंग कार्यक्रम की अवधि 48 कार्यदिवस की होगी, जो सामान्यतः 8 सप्ताह में पूरा किया जाएगा.
ट्रेनिंग में भाग लेने योग्य पदाधिकारियों की सूची कार्मिक और कल्याण प्रभाग से प्राप्त की जाएगी. प्रशिक्षुओं का चयन और मनोनय पुलिस महानिदेशक(प्रशिक्षण), प्रभारी, मानव संसाधन विकास और प्रशिक्षण प्रभाग की ओर से किया जाएगा. प्रशिक्षण की तारीख बिहार पुलिस अकादमी के निदेशक की ओर से निर्धारित की जाएगी. हर वर्ष एक या जरूरत पड़ने पर उससे अधिक ट्रेनिंग कार्यक्रम हो सकते हैं.
दोनों प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए अलग-अलग सिलेबस तैयार किया जाएगा. सिलेबस में इनडोर-आउटडोर कार्य शामिल होंगे. सभी विषयों की परीक्षा होगी जिसमें पास होना अनिवार्य होगा, विषयों का पूर्णांक और पास मार्क्स विभाग की ओर से तय किया जाएगा. प्रशिक्षण के अंतिम सप्ताह में प्रशिक्षुओं को राज्य के बहार किसी दो पुलिस संस्थान के भ्रमण और वहां के लोगों के काम के अध्ययन के लिए ले जाया जाएगा, जिसके संबंध में सभी प्रशिक्षुओं को टूर रिपोर्ट सौंपना पड़ेगा, इसके लिए भी मार्क्स का प्रावधान होगा.
प्रशिक्षण खत्म होने के बाद उसके सफलता की सूचना पुलिस महानिदेशक(प्रशिक्षण) के साथ ही सम्बद्ध को दी जाएगी. ऊपर वर्णित दोनों ट्रेनिंग कार्यक्रम बिहार पुलिस पदाधिकारियों के लिए अनिवार्य होगा. 10 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण होने के बाद दिए जाने वाले किसी भी प्रोमोशन के लिए सेवाकालीन प्रशिक्षण-1 में पास होना अनिवार्य होगा. इसी प्रकार 18 वर्षों के बाद दिए जाने वाले प्रोमोशन के लिए सेवाकालीन प्रशिक्षण-2 में पास होना जरूरी होगा.