लखनऊ. बिजनौर (Bijnor) में 12 सितंबर 2014 को हुए बम धमाके के सिलसिले में आरोपी पांच आरोपियों को राजधानी स्थित एनआईए की विशेष अदालत (Special NIA Court) ने सजा सुनाई. अदालत ने धमाके की साजिश में शामिल सिमी (SIMI) के सदस्यों बिजनौर निवासी हुस्ना, अब्दुल्ला, रईस अहमद, नदीम और फुरकान को दोषी करार देते हुए सात वर्ष का कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है. बताते चलें कि 12 सितंबर 2014 को बिजनौर के जाटान मोहल्ला स्थित लीलो देवी के घर पर प्रतिबंधित संगठन सिमी के सदस्यों द्वारा आतंकवादी घटना की साजिश रची गई थी.


बिजनौर में बम धमाके की घटना की तीन एफआईआर दर्ज हुई थी, जिसके बाद यूपी एटीएस को जांच दी गई थी. बाद में यह मामला एनआईए ने टेकओवर कर लिया था और तीन फरवरी 2018 को पांचों आरोपितों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था. एनआईए की विशेष अदालत ने गुरूवार को पांचों को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई.


घटना में शामिल दो आतंकी एनकाउंट में मारे गए  
उल्लेखनीय है कि इस घटना में शामिल दो सिमी के आतंकियों असलम अयूब और जाकिर बदरूल को तेलंगाना पुलिस एनकाउंटर में ढेर कर चुकी है.


खंडवा जेल से फरार हुए थे आतंकी
दरअसल मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की खंडवा जेल (Khandwa jail) से फरार हुए सिमी के सात आतंकियों ने बिजनौर के जाटान मोहल्ले में किराए का कमरा लिया था और आतंकी वारदात को अंजाम देने के लिए सिलेंडर बम तैयार कर रहे थे. इस दौरान एक बम फट गया, जिसके बाद सारे आतंकी फरार हो गए थे. पुलिस ने मौके से 9 एमएम की पिस्टल, छोटा गैस सिलेंडर, आईईडी, लैपटॉप (Laptop), मोबाइल (Mobile), सिम कार्ड (Sim Card) बरामद किया था.


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