राजस्थान: देश के सबसे प्रतिष्ठित साहित्य फेस्टिवल में से एक जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (जेएलएफ) आज से शुरू होने जा रहा है. पांच दिवसीय लिटरेचर फेस्टिवल जयपुर के दिग्गी पैलेस में होगा. पांच दिनों तक चलने वाले साहित्य के कुंभ मेले में 12 सेशन होंगे.


परिचर्चा में नोबेल पुरस्कार विजेता भी रखेंगे विचार


साहित्य के अलावा जेएलएफ में ओजस आर्ट, फेस्टिवल बाजार, स्कूल और युवाओं तक पहुंच बनानेवाला कार्यक्रम और गीत-संगीत भी देखने को मिलेंगे. एक सेशन में ‘एशिया राइजिंग’ पर होनेवाली परिचर्चा में पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन, जवाहर लाल नेहरू के प्रोफेसर दीपल नय्यर शिरकत करेंगे. इसके अलावा अन्य गोष्ठियों में शशि थरूर, जयराम रमेश और सचिन पायलट भी सेशन का हिस्सा होंगे. 26 जनवरी को नोबल पुरुस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी एक सेशन की अध्यक्षता करेंगे. जिसका विषय होगा वैश्विक निर्धरता से कैसे मुकाबला करें.


13 सालों से आयोजित हो रहे साहित्य के मेले में दुनिया की नामी-गिरामी हस्तियां शिरकत कर इसका शोभा बढ़ाती रही हैं. इस बार बुकर सम्मान प्राप्त ब्रिटिश उपान्यासकार होवार्ड जैकोबसन, अमेरिकी लेखक एलिजाबेथ गिलबर्ट, पत्रकार लैला सिलमानी, भारतीय लेखक अवनी दोष और मशहूर ब्रिटिश लेखक और कवि जॉन लानकास्टर शामिल हो रहे हैं. हालांकि इस बार पिछले सालों की तुलना में साहित्य के कुंभ मेले में शिरकत करनेवालों की जेब पर आर्थिक बोझ थोड़ा ज्यादा पड़ेगा.


आयोजकों ने स्पॉट सप्ताह पर रजिस्ट्रेशन फीस को 500 और 800 रुपये कर दिया है. किताब प्रेमियों को बढ़ी हुई फीस भारी पड़ रही है. एक किताब प्रेमी आशीष गौर ने बताया कि पिछले साल साहित्य के कुंभ मेले में शिरकरत करने की फीस 300 रुपये थी. मगर इस साल बढ़ी हुई फीस छात्रों के लिए बहुत ज्यादा है. शिखा तोमर ने भी फीस के बढ़े हुए फैसले का विरोध किया है. उनका कहना है कि सप्ताह पर 800 रुपये देना जेब पर भारी है. जेएलएफ ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन बंद कर दिया है.


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