Gyanvapi Case: सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर सुनवाई करते हुए इसे वाराणसी जिला कोर्ट को भेज दिया है. अब मुकदमे से जुड़े सभी मामले जिला जज ही देखेंगे. आठ हफ्ते तक सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश लागू रहेगा. सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई को 8 हफ्ते का अंतरिम आदेश जारी किया था. सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी के जिला अधिकारी को मस्जिद में वजू की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए हैं. जानिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले की पांच बड़ी बातें.
- सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि इस वक्त हम क्या कर सकते हैं, उसके लिए तीन सुझाव हैं. पहला ये कि हम कहें कि ट्रायल कोर्ट आवेदन का निपटारा करे. दूसरा, हमने एक अंतरिम आदेश पारित किया है, वो निचली अदालत का आदेश आने तक लागू रहे. तीसरा, ये मसला बेहद जटिल और संवेदनशील है, हमारी राय है कि इसे एक जिला जज सुनें. हम ट्रायल जज के ऊपर सवाल नहीं उठा रहे हैं, लेकिन इस तरह के मामलों में अनुभवी व्यक्ति बेहतर है.
- कमीशन की रिपोर्ट लीक होने पर कोर्ट ने कहा कि रिपोर्ट कोर्ट के पास जानी चाहिए थी. मीडिया में लीक नहीं होनी चाहिए थी. कोर्ट ने कहा कि हम इस बारे में आदेश पारित करेंगे कि सर्वे की रिपोर्ट की सेलेक्टिव लीक बन्द होनी चाहिए.
- जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि एक और रास्ता है. आपने (मुस्लिम पक्ष) आयुक्त की नियुक्ति के आदेश को चुनौती दी है अगर हम एसएलपी का निस्तारण कर दें तो वह आदेश अंतिम हो जाएगा. लेकिन अगर आप ऑर्डर 7 रूल 11 को चुनौती देने में फेल होते हैं तो हम इस एसएलपी को लंबित रख सकते हैं, हम वेकेशन के बाद इस एसएलपी पर सुनवाई कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि "अदालत के लिए समुदायों के बीच भाईचारे की जरूरत और शांति की जरूरत सर्वोच्च है''.
- जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि ये जटिल सामाजिक समस्याएं हैं किसी इंसान का सुझाया हल परफेक्ट नहीं हो सकता है. हमारा आदेश कुछ हद तक शांति व्यवस्था बनाए रखने का है. हम यहां देश में एकता की भावना बरकरार रखने के संयुक्त मिशन पर हैं.
- सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि मस्जिद परिसर के तालाब के बीच में कथित शिवलिंग को संरक्षित रखने का आदेश कायम रहेगा, लेकिन इससे मस्जिद में नमाज पढ़ने के मुस्लिमों के अधिकार में कोई खलल नहीं पड़ना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने बनारस के डीएम को मस्जिद में वजू के लिए पर्याप्त इंतजाम करने का आदेश दिया. मामले की अगली सुनवाई जुलाई के दूसरे हफ्ते में होगी.
मुस्लिम पक्ष की ओर से डाली गई याचिका
बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट में याचिका मुस्लिम पक्ष की ओर से डाली गई है. उनका कहना है कि मस्जिद में सर्वे कराने का कोई औचित्य नहीं है. वहीं हिंदू पक्ष ने भी इसपर आज अपना जवाब दाखिल कर दिया है. हिंदू पक्ष की ओर से वकील विष्णु जैन ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद एक मस्जिद नहीं है, क्योंकि औरंगजेब ने इस भूमि पर किसी मुस्लिम या मुसलमानों के निकाय को जमीन सौंपने के लिए वक्फ बनाने का कोई आदेश पारित नहीं किया था. गौरतलब है कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि जहां ‘शिवलिंग’ मिलने की बात कही गई है, उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करें. साथ ही मुस्लिमों को नमाज पढ़ने की इजाजत दी थी.
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