नई दिल्लीः  भीमा कोरेगांव हिंसा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश आशंका में महाराष्ट्र पुलिस ने देशभर के छह राज्यों से सात मानवाधिकार कार्यकर्ता, पत्रकार, कवि और वकील की गिरफ्तारी की है. ये पांचों लोग वामपंथी विचारधारा के समर्थक हैं. इन गिरफ्तारियों की कांग्रेस, लेफ्ट पार्टी सहित कई बुद्धिजीवियों ने आलोचना की है. इन लोगों की गिरफ्तारी के साथ ही इनके घरों पर छापेमारी की गई है और पेनड्राइव, लैपटॉप और मोबाइल फोन को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है. इन गिरफ्तारी पर बीजेपी सांसद और दिग्गज नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि ये गिरफ्तारी पुलिस ने कुछ सबूतों के आधार पर की है. लोगों को अपनी बात कोर्ट में कहने का मौका मिलेगा. यही तो लोकतंत्र है.


'कोर्ट में बात रखने का मौका लेकिन नक्सली कोर्ट में यकीन नहीं रखते'


न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, '' ये तो करना ही था. जब जानकारी मिल गई तो सरकार को कार्रवाई तो करनी ही  पड़ेगी.  आप अपनी बात कोर्ट जाकर बोलिए. लेकिन नक्सली लोग तो कोर्ट को , लोकतंत्र को मानते ही नहीं हैं तो शोर मचा रहे हैं कि बदला लिया जा रहा है.  आप अपनी बात कोर्ट में रखिएगा.''


सीपीआई(एम) नेता प्रकाश करात ने इस घटना तो लोकतांकत्रिक अधिकारों पर हमला बताया जिसपर स्वामी ने कहा, '' उन्हें चिल्लाने दीजिए. किसे फर्क पड़ता है. देश के चुनावों में 2 फीसदी वोट पाने वाले प्रकाश करात हमें लेक्चर दे रहे  हैं. देशद्रोही काम करोगे तो पकड़े जाओगे. अगर गलती से पकड़े गए तो कोर्ट में पता चल जाएगा. ''


मंगलवार को हुई गिरफ्तारियां


मंगलवार की सुबह महाराष्ट्र पुलिस ने सामाजिक कार्यकर्ता वरवरा राव हैदराबाद से, मानवाधिकार कार्यकर्ता और पत्रकार गौतम नवलखा को दिल्ली से, सुधा भारद्वाज को फरीदाबाद से, स्टेन स्वामी को रांची से, अरुण फरेरा को ठाणे से,  वरनॉन गोंजाल्विस  को मुंबई से और आनंद तेलतुंबडे को गोवा से गिरफ्तार किए गए.


क्यों हुई गिरफ्तारी?


महाराष्ट्र पुलिस का कहना है कि इन सात  सामाजिक कार्यकर्ताओं और वकीलों के लिंक इस साल जनवरी में भीमा कोरेगांव में हुई हिसां से जुड़े हैं. कोरेगांव हिंसा के एक दिन पहले 31 दिसंबर 2017 को पुणे में एल्गार परिषद का कार्यक्रम हुआ था. इस कार्यक्रम में जो भाषण दिए गए उनके कारण ही हिंसा भड़की थी. इसीलिए उन तमाम लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर उस कार्यक्रम में शामिल लोगों से जुड़े हैं. पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार किए गए लोगों के पास से महत्वपूर्ण दस्तावेज, किताबें और कुछ साहित्य बरामद किया गया है.


पीएम की हत्या की साजिश की आशंका
महाराष्ट्र पुलिस की एक टीम ने मंगलवार सुबह 5 बजे हैदराबाद में कवि और एक्टिविस्ट वरवरा राव के घर पहुंची. कवि वरवर राव के घर छापेमारी इसलिए की गयी क्योंकि इसी साल जून में एक आरोपी रोना विल्सन के घर से मिली एक चिट्ठी में उनका नाम था. उस चिट्ठी में राजीव गांधी की हत्या जैसी प्लानिंग का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने की बात लिखी थी. इसके बाद पुलिस ने जांच में तेजी लाते हुए 5 लोगों को गिरफ्तार किया, उनसे पूछताछ के आधार पर करीब 250 ईमेल की छानबीन हुई.


चिट्ठी में क्या लिखा है?


पत्र में लिखा है, ‘’मोदी 15 राज्यों में बीजेपी को स्थापित करने में सफल हुए हैं. यदि ऐसा ही रहा तो सभी मोर्चों पर पार्टी के लिए दिक्कत खड़ी हो जाएगी. कॉमरेड किसन और कुछ अन्य सीनियर कॉमरेड्स ने मोदी राज को खत्म करने के लिए कुछ मजबूत कदम सुझाए हैं. हम सभी राजीव गांधी जैसे हत्याकांड पर विचार कर रहे हैं. यह आत्मघाती जैसा मालूम होता है और इसकी भी अधिक संभावनाएं हैं कि हम असफल हो जाएं, लेकिन हमें लगता है कि पार्टी हमारे प्रस्ताव पर विचार करे, उन्हें रोड शो में टारगेट करना एक असरदार रणनीति हो सकती है. हमें लगता है कि पार्टी का अस्तित्व किसी भी त्याग से ऊपर है.’’


'न्यू इंडिया में स्वागत'


बाढ़ प्रभावित केरल के दौरे पर पहुंचे राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘भारत में अब सिर्फ एकमात्र एनजीओ के लिए जगह है और वह आरएसएस है. दूसरे सभी एनजीओ को बंद कर दो. सभी कार्यकर्ताओं को जेल भेज दो और शिकायत करने वालों को गोली मार दो. न्यू इंडिया में स्वागत है.’’