नई दिल्ली: मंगलवार को पहली ड्राइवरलेस मेट्रो हादसे का शिकार हो गई है. साउथ दिल्ली के कालिंदी कुंज डिपो पर मेट्रो पटरी से उतर गई और दीवार को तो़ड़कर बाहर निकल गई. इस हादसे में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. मेट्रो हादसे पर मेट्रो का परिचानल करने वाली संस्था डीएमआरसी का बयान आया है. डीएमआरसी ने हादसे के लिए गलती मानी है. डीएमआरसी के मुताबिक ट्रेन को धुलाई के लिए वर्कशॉप में लाया गया था. यहां धुलाई के बाद ब्रेक जी जांच किए बिना ही ट्रेन को रवाना कर दिया गया.
यहां पढ़ें दिल्ली मेट्रो से जुड़े पांच हादसे
12 सितंबर 2017: येलो लाइन पर यात्रियों से भरी एक मेट्रो बिना गेट बंद किए ही दो स्टेशन क्रॉस कर गई. यह घटना रात 10 बजे के आसपास की है. यह घटना चावड़ी बाजार और कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन के बीच हुई.
12 जुलाई 2009: दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश के नजदीक जमरूदपुर में एक निमार्णाधीन पुल गिर गई. इसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी और 10 लोग घायल हुए थे.
19 अक्टूबर 2008: इस दिन दिल्ली के लक्ष्मी नगर में एक निर्माणाधीन फ्लाइओवर के गिरने से दो लोगों की मौत हो गई. इस हादसे में 10 लोग घायल हुए थे.
18 जुलाई 2008: राजधानी दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के पास मेट्रो कंस्ट्रक्शन साइट पर खराब क्रेन ने चार टन वजन वाले लोहे के एक बीम को कार पर गिरा दिया. इसमें एक शख्स घायल हुआ था.
28 अगस्त 2007: पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार मेट्रो कंस्ट्रक्शन साइट के पास एक क्रेन ड्राइवर के उपर कंक्रीट स्लैब गिर गया. इसमें क्रेन ड्राइवर की जान चली गई.