Supreme Court New Judges: सुप्रीम कोर्ट में पद संभालेंगे पांच नए जस्टिस, जानें कब लेंगे शपथ, क्या है उनका प्रोफाइल
New Justices in SC: देश की सबसे बड़ी अदालत में पांच नए जस्टिस (न्यायमूर्ति) पद की शपथ लेने के लिए तैयार हैं. आखिर कौन कहां से आया, आइए उनका पूरा प्रोफाइल जानते हैं.
Supreme Court New Justices: सुप्रीम कोर्ट में सोमवार (6 फरवरी) को पांच नए न्यायाधीश पद की शपथ लेंगे. इनमें से तीन क्रमश: राजस्थान, पटना और मणिपुर के हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश- जस्टिस पंकज मिथल, जस्टिस संजय करोल और पीवी संजय कुमार हैं. पटना हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस मनोज मिश्रा भी शपथ लेंगे.
जस्टिस पंकज मिथल (Justice Pankaj Mithal)
जस्टिस मिथल का मूल कैडर इलाहाबाद हाई कोर्ट है. वह पिछले वर्ष 14 अक्टूबर से राजस्थान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत थे. न्यायमूर्ति मिथल का जन्म 17 जून, 1961 को हुआ. वह 1982 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से वाणिज्य स्नातक हैं. उन्होंने 1985 में मेरठ कॉलेज से एलएलबी पूरी की और उसी वर्ष उत्तर प्रदेश की बार काउंसिल में एक वकील के रूप में पंजीकरण कराया.
उन्होंने 1985 में इलाहाबाद हाई कोर्ट में वकालत शुरू की और उत्तर प्रदेश आवास-विकास परिषद के स्थायी वकील के रूप में कार्य किया. वह 1990 और फरवरी 2006 के बीच डॉक्टर बीआर आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा के स्थायी वकील भी थे.
न्यायमूर्ति मिथल को 7 जुलाई, 2006 को इलाहाबाद हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था और 2 जुलाई, 2008 को उन्होंने स्थायी न्यायाधीश के रूप में शपथ ली. उन्होंने 4 जनवरी, 2021 को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लिए साझा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली.
जस्टिस संजय करोल (Justice Sanjay Karol)
सोमवार (6 फरवरी) को शपथ लेने जा रहे दूसरे वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति करोल हैं, जिनका मूल हाई कोर्ट कैडर हिमाचल प्रदेश है. पदोन्नति के समय वह पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस थे. न्यायमूर्ति करोल का जन्म 23 अगस्त, 1961 को हुआ. शिमला के प्रतिष्ठित सेंट एडवर्ड स्कूल से पढ़ाई के बाद उन्होंने गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, शिमला से इतिहास में ऑनर्स के साथ स्नातक किया.
न्यायमूर्ति करोल कांगड़ा जिले के निवासी हैं. उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से कानून में डिग्री प्राप्त की और 1986 में एक वकील के रूप में पंजीकरण कराया. न्यायमूर्ति करोल ने सुप्रीम कोर्ट समेत विभिन्न अदालतों में वकालत की. उन्हें संविधान, कराधान, कॉरपोरेट, आपराधिक और दीवानी से संबंधित मामलों में विशेषज्ञता हासिल है. उन्हें 1999 में एक वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था.
न्यायमूर्ति करोल 1998 से 2003 तक हिमाचल प्रदेश के महाधिवक्ता भी रहे और 8 मार्च, 2007 को हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए थे. उन्हें 25 अप्रैल, 2017 से अदालत के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था. उन्हें 9 नवंबर, 2018 को त्रिपुरा हाई कोर्ट और 11 नवंबर, 2019 को पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था.
न्यायमूर्ति पीवी संजय कुमार (Justice PV Sanjay Kumar)
न्यायमूर्ति कुमार मूल रूप से तेलंगाना हाई कोर्ट से जुड़े हैं. वह पांच न्यायाधीशों की सूची में तीसरे स्थान पर हैं और पिछले साल 13 दिसंबर को कॉलेजियम की सिफारिश के समय और बाद में केंद्र की मंजूरी के वक्त मणिपुर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश थे. उनका जन्म 14 अगस्त, 1963 को हुआ. उन्होंने निजाम कॉलेज, हैदराबाद से वाणिज्य में स्नातक किया और 1988 में दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री हासिल की. न्यायमूर्ति कुमार ने अगस्त 1988 में आंध्र प्रदेश की बार काउंसिल के सदस्य के रूप में पंजीकरण कराया और 2000 से 2003 तक आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में एक सरकारी वकील के रूप में कार्य किया.
उन्हें 8 अगस्त, 2008 को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के एक अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पीठ में पदोन्नत किया गया और 20 जनवरी, 2010 को अदालत के स्थायी न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण किया. न्यायमूर्ति कुमार ने 14 अक्टूबर, 2019 को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण किया. उन्होंने 14 फरवरी, 2021 को मणिपुर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली.
न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह (Justice Ahsanuddin Amanullah)
पटना हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति अमानुल्लाह चौथे न्यायाधीश हैं, जिन्हें शीर्ष अदालत में नियुक्त किया गया है. उनका जन्म 11 मई, 1963 को हुआ. उन्होंने 27 सितंबर, 1991 को बिहार स्टेट बार काउंसिल में पंजीकरण कराया और मार्च 2006 से अगस्त 2010 तक राज्य सरकार के स्थायी वकील रहे.
वह पटना हाई कोर्ट में एक सरकारी वकील थे. उसी अदालत में 20 जून, 2011 को न्यायाधीश के रूप में उनकी पदोन्नति हुई. उन्हें 10 अक्टूबर, 2021 को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में और 20 जून 2022 को पटना हाई कोर्ट में वापस स्थानांतरित कर दिया गया था.
न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा (Justice Manoj Mishra)
न्यायमूर्ति मिश्रा का जन्म 2 जून, 1965 को हुआ. उन्होंने 12 दिसंबर, 1988 को एक वकील के रूप में पंजीकरण कराया और 21 नवंबर, 2011 को इलाहाबाद हाई कोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए. उन्होंने 6 अगस्त, 2013 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में पद की शपथ ली.
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