Misusing Govt Money Case: सरकारी धन के गबन के मामले में कर्नाटक की स्पेशल CBI कोर्ट ने 5 लोगों को दोषी ठहराते हुए सभी को 7-7 साल कठोर कारावास (Rigorous Imprisonment) की सजा सुनाई है और 5 करोड़ का जुर्माना लगाया है.
न्यायाधीश संतोष गजानन भट्ट (Judge Santosh Gajanan Bhatt) ने 8 सितंबर को सुनाए फैसले में पांच लोगों- कबाली आनंद, एचएस नागलिंगास्वामी, चंद्रशेखर, एचके नागराज और केबी हर्षन को दोषी ठहराया और उन पर कुल 5 करोड़ 2 लाख 75 हजार रुपये का जुर्माना लगाया.
इसमें से 5.02 करोड़ रुपये मंड्या शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) को मुआवजे के रूप में दिए जाएंगे, जिसके साथ इन पांचों लोगों ने धोखाधड़ी की और शेष राशि राज्य सरकार के खजाने में डाले जाएंगे. जुर्माना राशि नहीं चुकाने पर दोषियों को दो साल और जेल में बिताने होंगे.
क्या है मामला
कर्नाटक सरकार के आदेश के आधार पर CBI और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने 18 मार्च 2014 को मामला दर्ज किया था. बताया गया कि कबाली आनंद एआर लॉजिस्टिक्स नाम की एक पंजीकृत कंपनी के जरिये लौह अयस्क का कारोबार करता था. नागलिंगास्वामी फ्यूचर फार्म एंड एस्टेट्स का CEO था. चंद्रशेखर रियल एस्टेट फर्म आकाश एंटरप्राइजेज का मालिक है, जबकि नागराज एमयूडीए में प्रथम श्रेणी सहायक और हर्षन, आनंद का कर्मचारी था.
आरोप है सि सभी पांच लोगों ने धोखाधड़ी से वाउचर और चेक भरे और फिर प्राधिकरण के नाम पर निवेश करने के लिए इंडियन बैंक, मंड्या शाखा के पक्ष में एमयूडीए के तत्कालीन आयुक्त द्वारा जारी किए गए प्रत्येक एक करोड़ रुपये की राशि के पांच चेक का दुरुपयोग किया. अदालत ने कहा कि पांचों लोगों ने आकाश एंटरप्राइजेज के खाते में धन जमा करने की साजिश रची और एमयूडीए को पांच करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
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