दक्षिण दिल्ली के मालवीय नगर में कथित तौर पर कोविड-19 जांच की फर्जी रिपोर्ट बनाने के आरोप में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि आरोपियों की पहचान प्रज्ञानंद शर्मा (24), हिमांशु शर्मा (24), डॉक्टर मनीष कुमार (32), सतेंदर (26) और निखिल (22) के तौर पर हुई है.


 


पुलिस ने कहा कि मालवीय नगर पुलिस थाने में गुरुवार को एक पीसीआर कॉल आई थी जिमें कहा गया कि मालवीय नगर की जीनस्ट्रिंग्स लैब में कुछ लोग कोरोना वायरस की फर्जी जांच रिपोर्ट बना रहे थे. खिड़की गांव निवासी शिकायतकर्ता विपुल सैनी के मुताबिक उसने अपने 45 रिश्तेदारों के साथ कोविड-19 जांच के लिये हिमांशु और प्रज्ञानंद को नमूने दिये थे.


 


रविवार को सैनी के दोस्त ऋषभ शुक्ला ने भी दोनों आरोपियों को जांच के लिये नमूने दिये. जांच रिपोर्ट में कहा गया कि शुक्ला संक्रमित हैं लेकिन उनमें कोई लक्षण नहीं थे. पुलिस ने कहा कि शुक्ला ने बुधवार को अपना नमूना एक अन्य लैब में दिया जहां उनके संक्रमित नहीं होने की बात सामने आई. पुलिस ने कहा कि गुरुवार को हिमांशु और प्रज्ञानंद के साथ सैनी जीनस्ट्रिंग्स लैब गया और पता चला कि शुक्ला की रिपोर्ट लैब के रिकॉर्ड में है ही नहीं.


 


अधिकारी ने कहा कि अपना अपराध स्वीकार करते हुए हिमांशु ने कहा कि वह अपने रिश्तेदार प्रज्ञानंद के साथ लोगों के घरों से नमूने लेता था और उन्हें जीनस्ट्रिंग्स लैब में काम करने वाले मनीष को दे देते थे जिसे लैब के रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किया जाता था. पुलिस ने कहा, “मनीष एक्सल शीट्स पर प्रज्ञानंद के साथ नतीजे साझा करता था और तब प्रज्ञानंद जीनस्ट्रिंग्स लैब के फर्जी लेटरहेड पर इन नतीजों को प्रिंट करता थ.”


 


इस मामले में मालवीय नगर स्थित जीनस्ट्रिंग्स डायग्नोस्टिक सेंटर के सीओओ चेतन कोहली ने कहा, “हमारी प्रयोगशाला के नाम वाली रिपोर्ट के प्रमाणन के लिये कुछ मरीजों द्वारा संपर्क किये जाने के बाद हमनें पाया कि वे हमारे द्वारा जारी नहीं की गई हैं और न ही हमारी लैब में उनकी जांच हुई है. हमारे पांच कर्मचारियों के इसमें शामिल होने का पता चला है जबकि लैब प्रबंधन या लैब के प्रमुख को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी.”