नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली के शकरपुर इलाके में सोमवार को एक मुठभेड़ के बाद पांच संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार कर लिया गया, जिनमें से दो कथित रूप से पंजाब में शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह की हत्या में शामिल थे. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.


पुलिस ने दावा किया कि वह इन गिरफ्तारियों से पाकिस्तान की इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI), खालिस्तान समर्थक कट्टरपंथी, हिज्बुल मुजाहिदीन और मादक पदार्थ आतंकवाद में शामिल लोगों के गठजोड़ को उजागर कर पाई है.


पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पांच आरोपियों में से गुरजीत सिंह और सुखदीप सिंह पंजाब के गुरदासपुर के रहने वाले हैं जबकि शब्बीर अहमद, मोहम्मद अयूब और रियाज राठौर कश्मीर से हैं और आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन से जुड़े हुए हैं.


उन्होंने बताया कि बलविंदर सिंह की हत्या में गुरजीत और सुखदीप कथित रूप से शामिल थे. आतंकवाद से मुकाबले के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित बलविंदर सिंह की अक्टूबर में गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी.


पुलिस उपायुक्त (विशेष इकाई) प्रमोद सिंह कुशवाहा ने कहा कि हमारी टीम को सोमवार सुबह विशेष सूचना प्राप्त हुई कि पंजाब के दो अपराधियों को तीन कश्मीरियों से पैसे मिलने हैं. गुप्त सूचना पर दिल्ली के लक्ष्मी नगर इलाके में मामूली गोलीबारी के बाद पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया. इन लोगों के पास से तीन पिस्तौल, दो किलोग्राम हेरोइन और एक लाख रुपये नकद मिले हैं. दो कारें भी जब्त कर ली गयी हैं, जिनमें ये यात्रा कर रहे थे.


कुशवाहा ने बताया कि प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया है कि कश्मीर में सक्रिय आतंकवादी संगठनों को पाकिस्तान की आईएसआई की तरफ से खालिस्तान समर्थक आतंकियों से जोड़ने की कोशिश की जा रही थी.


अधिकारी के अनुसार, ‘‘वे मादक पदार्थ बेच रहे थे और इस पैसे का इस्तेमाल पंजाब में आतंकवाद के वित्तपोषण में होता था.’’


उन्होंने बताया, "यह सामने आया कि आईएसआई पाकिस्तान में रहने वाले खालिस्तानी कट्टरपंथी हरमीत सिंह (खालिस्तान लिबरेशन फोर्स का प्रमुख) और लखबीर सिंह (पाकिस्तान में रहने वाला केजेडएफ-खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स का सरगना) के साथ मिलकर पंजाब में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने की साजिश रच रही है और लक्षित हत्याओं के लिए गैंगस्टर सुख भिखारीवाल का इस्तेमाल कर रही है."


उन्होंने बताया कि कश्मीर में रहने वाले तीन व्यक्ति दो अन्य को पैसे पहुंचा रहे ताकि लक्षित हत्याएं की जा सकें. यह पैसा मादक पदार्थ की बिक्री से आया है. यह बात भी सामने आयी कि आईएसआई अपनी के2 डेस्क (कश्मीर-खालिस्तान) के जरिए दक्षिणपंथी नेताओं की हत्या के लिए पैसा दे रहा है.