उत्तराखंड: राजाजी टाइगर रिजर्व से भागा बाघ, फॉरेस्ट डिपार्टमेंट में मची खलबली
उत्तराखंड के चीफ कंज़र्वेटर ऑफ़ फॉरेस्ट राजीव भरतरी ने इस घटनाक्रम को प्रोजेक्ट के लिए धक्का बताया और स्वीकार किया कि मौजूदा हालात में इस बाघ की निगरानी बहुत कठिन हो गई है.
टाइगर रिहैबिलिटेशन प्रोजेक्ट के तहत हाल में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) से राजाजी टाइगर रिजर्व (आरटीआर) शिफ्ट किया गया था लेकिन पांच साल का टाइगर कहीं दूसरी जगह चला गया है. इससे फॉरेस्ट डिपार्टमेंट में हड़कंप मचने के साथ ही राजाजी पार्क के बाहरी क्षेत्र में बसी आबादी में दहशत फैल गई है.
बाघ को शिफ्ट कर आरटीआर की मोतीचूर रेंज के बाड़े में रखा गया था. उसके बाड़े में मौजूद न होने की जानकारी सोमवार शाम को मिली. फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के कर्मी रेडियो कॉलर से निगरानी के आधार पर उसकी मौजूदगी का पता लगा रहे थे, लेकिन रेडियो कॉलर बाड़े में ही पड़ा मिला, जबकि टाइगर वहां नहीं है.
मामले की जांच की जाएगी
उत्तराखंड के चीफ कंज़र्वेटर ऑफ़ फॉरेस्ट राजीव भरतरी ने इस घटनाक्रम को प्रोजेक्ट के लिए धक्का बताया और स्वीकार किया कि मौजूदा हालात में इस बाघ की निगरानी बहुत कठिन हो गई है. भरतरी ने बताया कि इस चुनौती से निपटने के लिए टाइगर रिहैबिलिटेशन की नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) के दिशानिर्देशों के आधार पर समीक्षा की जाएगी, ताकि भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो.
दहशत में आए लोग
आरटीआर सूत्रों ने बताया कि बाड़े से भागे टाइगर को ढूंढने में पूरी ताकत लगा दी गयी है. इस घटना से आरटीआर के बाहरी क्षेत्र में बसी आबादी के लोग भी दहशत में आ गए हैं.
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