नई दिल्ली: विमानन मंत्रालय ने शुक्रवार को एक आदेश जारी करते हुए कहा कि घरेलू विमान सेवाओं के लिए किराये की तय की गई सीमा 31 मार्च, 2021 तक लागू रहेगी. घरेलू विमान सेवाओं के लिए किराये की अधिकतम और न्यूननम सीमा पहले 24 फरवरी तक बढ़ाई गई थी और अब इसे मार्च के अंत तक बढ़ा दिया गया है.
एयरलाइंस को अब 20 फीसदी टिकट ही न्यूनतम और अधिकतम किराये के मध्य बिंदु के नीचे की दर पर बेचनी होंगी. 25 मई 2020 से उड़ानें शुरू होने के बाद से अब तक एयरलाइंस मिडपॉइंट के नीचे की दर पर 40 फीसदी टिकट बेच रहीं थी. यानि अब एयरलाइंस को कम दर में कम टिकट ही बेचनी पड़ेंगी.
एयरलाइन कंपनियां ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी का दे रही थी हवाला
एयरलाइंन कंपनियां कुछ समय से कह रही थी कि मई में नियमों के लागू होने के बाद से जेट ईंधन की कीमतों में काफी वृद्धि हुई है और ऑपरेटिंग कॉस्ट बढ़ी है इसलिए टिकट किराये की सीमा को बढ़ाया या फिर इसे हटा दिया जाए.
1 जून, 2020 को एक किलोलीटर (1000 लीटर) जेट फ्यूल की कीमत दिल्ली में 26,860 रुपये और मुंबई में 26,456 रुपये थी. 1 जनवरी 2021 को फ्यूल की कीमत दिल्ली में 39,324 रुपये और मुंबई में 37,813 रुपये तक हो गई. जेट फ्यूल एयरलाइन की कुल परिचालन लागत का लगभग 40 फीसदी होता है.
सात श्रेणियों में बांटा गया था किराया
उड्डयन मंत्रालय ने पिछले साल मई में घरेलू उड़ानों के उड़ान के समय के आधार पर सात श्रेणियों में बांटा था. इसमें 40 मिनट से कम की उड़ानों के लिए टिकट की दर 2,000 से 6,000 रुपये और 3 से 3.5 घंटे के लिए 6,500 से 18,600 हजार रुपए तय की थी. सरकार के शुक्रवार के फैसले से अब एयरलाइंस अधिक टिकटें ज्यादा दर पर बेच पाएंगी.
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