मुंबईः अभिनेत्री कंगना रनौट की ओर से बीएमसी के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर याचिका को वापस ले लिया है. कंगना ने कोर्ट में बताया कि वह अवासीय फ्लैटों में कथित अनियमितता के संबंध में मुंबई नगर निकाय में नियमितीकरण का आवेदन दायर करेंगी. कंगना रनौत के वकील बीरेंद्र सराफ ने दिसंबर 2020 में कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर अपील को वापस लेने का अनुरोध किया. एक इमारत में तीन फ्लैटों को अवैध रूप से मिलाने पर बृन्हमुंबई महानगरपालिका (एमसीजीएम) के नोटिस के खिलाफ कंगना ने कोर्ट में चुनौती दी थी.
जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण ने कंगना को अपील वापस लेने की इजाजत दे दी और कहा कि नियमितीकरण के आवेदन को जबतक नगर निकाय सुन नहीं लेता और फैसला नहीं कर लेता तब तक और उसके दो हफ्ते बाद तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाए. जस्टिस चव्हाण ने कहा, ''अपीलकर्ता (रनौत) को एमसीजीएम के समक्ष चार हफ्तों में नियमितीकरण का आवेदन देने की इजाजत दी जाती है.''
निगम, कंगना के आवेदन पर तेजी से फैसला ले- कोर्ट
कोर्ट ने कहा कि निगम, कानून के तहत उनके आवेदन पर तेजी से फैसला ले. कोर्ट ने यह भी कहा, ''अपीलकर्ता के खिलाफ विपरीत आदेश की सूरत में, बीएमसी द्वारा उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न की जाए ताकि अपीलकर्ता अपील दायर कर सकें.''
कंगना रनौत की मालिकाना हक वाले तीन फ्लैटों को कथित अवैध रूप से मिलाने के मामले में अभिनेत्री को मार्च 2018 में नोटिस जारी किया था. दिंडोशी की कोर्ट ने पिछले साल दिसंबर में नोटिस के खिलाफ उनका मुकदमा खारिज कर दिया था. जिसके बाद कंगना ने हाईकोर्ट का रुख किया था.
गौरतलब है कि नगर निकाय ने पिछले साल पाली हिल इलाके में स्थित रनौत के बंगले में कथित अवैध निर्माण को तोड़ने की कार्रवाई शुरू की थी. कंगना के ऑफिस के अवैध निर्माण को सितंबर महीने मैं गिरा दिया था जिसके बाद काफी राजनैतिक बवाल हुआ था.
सेलिब्रिटी ट्वीट की जांच का आदेश क्या कानून के दायरे में आता है? पढ़ें ये रिपोर्ट