इसके अलावा पैसेंजर चार्टर के जो प्रस्ताव हैं उसके मुताबिक
- एयरलाइन्स ने अगर कोई बैगेज खोया है तो उसके हरेक किलो पर 3000 रुपये का मुआवजा देना होगा, वहीं देर से भेजे गए या क्षतिग्रस्त बैगेज के लिए 1000 रुपये प्रति किलो की दर से मुआवजा देना होगा.
- किसी भी परिस्थिति में एयरलाइन या इसके एजेंट (ऑनलाइन बुकिंग एजेंट) भी टिकट के बेस फेयर से ज्यादा कैंसिलेशन चार्ज नहीं ले सकते हैं. सभी टैक्स और लेवी को रिफंड करना होगा.
- अगर यात्री एयर टिकट बुक कराने के 24 घंटे के भीतर अपने नाम के शुरुआती 3 अक्षर बदलवाता है तो इसके सुधार के लिए उससे कोई चार्ज नहीं लिया जाना चाहिए.
- अगर यात्री की कोई ऐसी फ्लाइट एयरलाइन की गलती से मिस होती है जिसके लिए उसकी पहली फ्लाइट की देरी वजह हो तो उसे 20,000 रुपये तक का रिफंड मिल सकता है.
- सभी एयरपोर्ट्स को कम से कम 30 मिनट तक फ्री वाई-फाई मुहैया कराना जरूरी है.
आज केंद्र सरकार की तरफ से हवाई सफर करने वाले यात्रियों को बड़ी राहत मिली है. केंद्र सरकार ने एलान किया है कि अगर उड़ान में देरी होती है तो एयरलाइन कंपनी को यात्रियों को मुआवजा देना होगा. विमान राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा है कि एयरलाइन कंपनियो को यात्रियों को किसी न किसी रूप में मुआवजा देना होगा.
केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा, ‘’अगर फ्लाइट कैंसिल हो जाती है और इसमें एयरलाइन की गलती होती है तो यात्रियों को मुआवजा दिया जाएगा या फिर टिकट के पैसे वापस दिए जाएंगे. वहीं अगर फ्लाइट देरी से उड़ान भरती है, तो यात्रियों को अलग-अलग मुआवजा दिया जाएगा.’’
जयंत सिन्हा ने आगे कहा, ‘’यात्रियों के अधिकार बढ़ेंगे. कैंसिलेशन चार्जेज में एयरलाइन्स की मनमानी खत्म होगी. चार घंटे से अधिक फ्लाइट में देरी पर टिकट कैंसल कराने पर यात्री पूरा किराया वापस पाने का हकदार होगा. एयरलाइन्स की गलती से फ्लाइट रदद् होने पर मुआवजा देना होगा. हालांकि अभी ये ड्राफ्ट है. इस ड्राफ्ट पर सभी से राय ली जाएगी.’’
बता दें कि उड़ानों में देरी और उड़ान रद्द होने के बाद यात्रियों को मुआवजा देने की मांग काफी समय से उठती रही है. ऐसे में सरकार ने आज ये एलान करके हवाई सफर करने वाले लोगों को बड़ी राहत दी है.