भारत ही नहीं...अमेरिका से लेकर जापान तक बारिश ने मचा रखी है तबाही
Flood News: भारत के उत्तरी हिस्से में बारिश का कहर देखने को मिल रहा है. पहाड़ी इलाकों में नदियां उफान पर हैं और भूस्खलन हो रहा है. भारत के साथ-साथ दुनिया के अन्य देशों में भी बाढ़ से हाहाकार मचा है.

Rain Flood Update: पूरी दुनिया में एक छोर से लेकर दूसरे छोर तक पानी ने तबाही मचा रखी है. भारत के कई राज्यों में लगातार हो रही बारिश से हाहाकार मचा हुआ है. अकेले हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में अब तक 20 से ज्यादा लोगों की मौत और करीब 4000 करोड़ रुपये के नुकसान का पता चला है. अमेरिका से लेकर जापान (Japan Floods) तक जल-प्रलय मचा हुआ है. सड़कें तालाब में तब्दील हो चुकी हैं, पुल टूट गए हैं, सैकड़ों घर तबाह हो गए हैं.
भारत के उत्तरी राज्यों में बारिश ने सबसे ज्यादा तबाही मचा रखी है. हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, यूपी, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा समेत कई हिस्सों में हर ओर बस पानी ही पानी है. दिल्ली में जगह-जगह जलभराव हो गया है और यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है. हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं. जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है. देश के अलग-अलग हिस्सों में बारिश के कारण अब तक कई लोगों की जान चली गई है और सैकड़ों घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं.
जापान में मूसलाधार बारिश से आई बाढ़
भारत के साथ-साथ इस समय जापान, अमेरिका, स्पेन, तुर्किए भी कुछ ऐसे ही हालातों का सामना कर रहे हैं. जापान की बात करें तो यहां दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में मूसलाधार बारिश हो रही है, जिससे बाढ़ और भूस्खलन हुआ है. इस दौरान सोमवार (10 जुलाई) को दो लोगों की मौत हो गई और कम से कम छह अन्य लापता हो गए. वहीं यामागुची प्रान्त में एक उफनती नदी में गिरे वाहन में एक व्यक्ति मृत पाया गया.
जापानी मीडिया के अनुसार, क्यूशू और चुगोकू क्षेत्रों में हो रही बारिश के कारण कई नदियों में बाढ़ आ गई और भूस्खलन हुआ है. सड़कें बंद हो गईं, ट्रेनें बाधित हुईं हैं. जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने क्यूशू के दक्षिणी मुख्य द्वीप पर फुकुओका और ओइता प्रान्तों के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. साथ ही नदी के किनारे और पहाड़ी इलाकों के निवासियों से अधिकतम सावधानी बरतने की अपील की है. संवेदनशील क्षेत्रों में लाखों लोगों से सुरक्षित स्थान पर आश्रय लेने का आग्रह किया गया है.
तुर्किए में कई क्षेत्रों में आई बाढ़
तुर्किए में भी बीते दो-तीन दिनों के दौरान हुई भारी बारिश के परिणामस्वरूप बाढ़ आ गई है. आपदा और आपातकालीन प्रबंधन प्रेसीडेंसी (एएफएडी) ने भारी बारिश के बाद देश भर के 16 प्रांतों में रेड अलर्ट घोषित किया है. ऑर्डु, बार्टिन और जोंगुलडक प्रांतों में सबसे ज्यादा पानी भरा हुआ है. यहां लगातार बचाव कार्य जारी है. जोंगुलडक में सड़कें पानी में डूब चुकी हैं और लोगों के घरों में जलभराव हो गया है.
Sea of disaster in the Black Sea Region #Turkey
— Earth42morrow (@Earth42morrow) July 9, 2023
Heavy rains unleash flash floods in Zonguldak and nearby provinces@TulaySayili#Floods #Storm #Zonguldak #Devrek #Gökçebey #Turkiye #Viral #Weather #Climate #Flooding #FlashFloods pic.twitter.com/Gy1ayqCFn9
न्यूयॉर्क में एक महिला की मौत
अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में बाढ़ से सड़कें जलमग्न हो गई हैं और हडसन वैली में एक महिला की मौत की जानकारी मिली है. भारी बारिश के कारण न्यूयॉर्क की हडसन वैली में बाढ़ आ आई है. राष्ट्रीय मौसम सेवा ने स्टैमफोर्ड और ग्रीनविच शहरों सहित कनेक्टिकट में बाढ़ की चेतावनी जारी की है. अधिकारियों ने पुष्टि की है कि कई लोग लापता हैं और एक घर बह गया है. गवर्नर ने रविवार को न्यूयॉर्क शहर से लगभग 96 किलोमीटर दूर ऑरेंज काउंटी के लिए आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी.
स्पेन के जारागोजा में भरा पानी
स्पेन के अरागोन क्षेत्र की राजधानी जारागोजा में कुछ मिनटों की बारिश के बाद अचानक बाढ़ आ गई. अरागोन प्रशासन ने कहा कि टेरुएल और जारागोजा प्रांतों के क्षेत्रों में कई सड़कें कट गईं और घरों में पानी भर गया है. भारी ओलावृष्टि ने बाजो अरागोन, कैलाटायड और कैरिना में फलों की फसल को नष्ट कर दिया है. एक स्कूल की इमारत बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और शहर की कई अन्य सड़कों पर पानी भर गया. क्षेत्र में रेल और ट्राम नेटवर्क पर भी असर पड़ा है. इस दौरान कई लोग घायल भी हुए हैं.
Estas son algunas de las impactantes imágenes que nos dejó la potente tormenta que descargo ayer en Zaragoza y en algunas localidades situadas al sur de la ciudad 😱 pic.twitter.com/MAo9iBDlor
— Meteo Aragón (@meteo_aragon) July 7, 2023
बढ़ रही मौसम संबंधी आपदाएं
बीते 50 सालों में मौसम संबंधी आपदाएं बढ़ी हैं. विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) के नए आंकड़े के अनुसार, मौसम संबंधित घटनाओं के कारण 1970 और 2021 के बीच 11,778 आपदाएं दर्ज की गईं, जिनमें 2 मिलियन से अधिक मौतें हुईं और 4.3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ है.
आर्थिक घाटा बढ़ गया है, लेकिन बेहतर टेक्नोलॉजी के कारण अब पहले से चेतावनी जारी कर दी जाती है जिससे मौतें कम हो रही हैं. दुनिया भर में रिपोर्ट की गई 90 प्रतिशत से अधिक मौतें विकासशील देशों में हुईं. बीते साल यानी 2022 में भी मॉनसून बाढ़ ने भारत को काफी प्रभावित किया था. इस दौरान 2,035 मौतें और करोड़ों का नुकसान दर्ज किया गया.
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