नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश, मध्य प्रजेश और राजस्थान के बाद अब बिहार में भी गंगा उफान पर है. यूपी में गंगा और यमुना समेत कई नदियां उफ़ान पर हैं. मध्य प्रदेश में हो रही बारिश की वजह से पानी यूपी में आ रहा है, जिससे तेज़ी से नदियां बढ़ रही हैं. वाराणसी में अस्सी घाट पानी में डूब गया है. मुख्य सड़क तक पानी पहुंच गया है. वाराणसी में ख़तरे के निशान को पानी छूने की स्थिति में आ रहा है. राजस्थान के धौलपुर में चंबल नदी खतरे के निशान से 13 मीटर ऊपर बह रही है. जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है.


वाराणसी में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ी


यूपी के वाराणसी में गंगा का जलस्तर 70.64 मीटर पहुंच गया है. गंगा के ख़तरे का निशान 71.26 मीटर है. यहां दशास्वमेघ घाट की आरती गंगा सेवा निधि की छत पर हो रही है. वहीं अस्सी घाट की आरती का स्थान सड़क पर आ गया है. वाराणसी में जलस्तर क़रीब 2 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है.


अस्सी घाट पर पितृपक्ष की वजह से श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी हुई है, इसलिए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है. किसी को भी पानी में उतारने की इजाज़त नहीं है. सभी नावों का संचालन रोक दिया गया है. अलकनंदा क्रूज़ भी आज से रोक दी गई है. घाटों पर पीएसी के जवान नावों पर सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाल रहे हैं. इसके अलावा एनडीआरएफ़ के जवान भी घाटों की निगरानी कर रहे हैं.


वहीं, प्रयागराज में गंगा का जलस्तर 84.32 है, जबकि यहां ख़तरे का निशान 84.7 मीटर है. यहां यमुना 3 सेंटीमीटर और गंगा 2 सेंटीमीटर की रफ़्तार से बढ़ रही है. गाज़ीपुर और बलिया में गंगा ख़तरे के निशान को पार कर चुकी है. गाज़ीपुर में गंगा 63.53 मीटर पर है. यहां ख़तरे का निशान 63.10 मीटर है. यहां भी गंगा 2 सेंटिमीटर प्रति घंटे की दर से बढ़ रही है.



बिहार के छपरा में हालत बेहद खराब


गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से छपरा में बाढ़ का भयावह मंजर देखने को मिल रहा है. बिहार के छपरा में रातोंरात अचानक बढ़ा पानी लोगों के घरों का सामान तक बहा ले गया. छपरा में रहने वाले लोगों के पास ना तो अब खाने को कुछ बचा है न पहनने को. बद से बदतर होते हालात में पीने का पानी तक मिलना फिलहाल मुश्किल हो रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार की तरफ से कोई देखने तक नहीं आया है.


राजस्थान के बूंदी में बाढ़ से मची भीषण तबाही


चंबल नदी का पानी छोड़े जाने के बाद राजस्थान के बूंदी में बाढ़ ने भीषण तबाही मचाई है. बुंदी के केशोरायपाटन इलाका में बाढ़ ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. हालात इतने खराब हो चुके हैं कि इलाके में गले तक पानी भर गया है. चंबल नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद बूंदी का शायद ही कोई इलाका बचा हो, जहां बाढ़ ने तबाही ना मचाई हो. सड़कों पर 7 से 8 फीट पानी भरा हुआ है.



राजस्थान के धौलपुर में बाढ़ ने मचाई भयानक तबाही


राजस्थान के धौलपुर में चंबल नदी खतरे के निशान से 13 मीटर ऊपर बह रही है जिसके बाद कल सीएम अशोक गहलोत हालात का जायजा लेने धौलपुर पहुंचे. कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद धौलपुर में बाढ़ ने भयानक तबाही मचाई है. घरों में पानी भरने के बाद लोग घर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं. धौलपुर में लगातार बढ़ते पानी को देखते हुए NDRF की टीम ने कई इलाकों में रेस्क्यू ऑपरेशन भी चलाया ताकि लोगों को खतरा बढ़ने से पहले ही सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा सके. धौलपुर में चंबल नदी खतरे के निशान से 13 मीटर ऊपर बह रही है. 23 साल बाद चंबल का जलस्तर 143 मीटर पहुंच गया है, जिसकी वजह से 69 गांवों का संपर्क जिले से टूट गया है.


मध्यप्रदेश में भारी बारिश का दौर जारी


मध्यप्रदेश में भारी बारिश का दौर जारी है. अब तक प्रदेश के अधिकतम जिलों में सामान्य से अधिक बारिश होने के कारण बाढ़ के हालात बन गए हैं. वहीं प्रदेश के ज्यादातर बांधों के गेट भी खोले जा चुके हैं. प्रदेश सरकार बचाव और राहत कार्य में अबतक 325 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है. मध्यप्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा  ने बाढ़ और बचाव कार्यों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश के 52 जिलों में से 33 जिलों में औसत से 20% ज्यादा बारिश हुई है, जिसके चलते प्रदेश के 19 बड़े बांधों गेट खोले जा चुके हैं, नर्मदा, ताप्ती समेत प्रदेश के सभी बड़ी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.


यह भी पढ़ें-


गडकरी की खरी खरी, कहा- टिकट नहीं पाने वाले खेलते हैं जातिकार्ड, सिर्फ आरक्षण से समाज का विकास नहीं होता


यौन शोषण के आरोप में घिरे चिन्मयानंद की अचानक तबीयत बिगड़ी, कल पीड़िता ने दर्ज कराया था बयान


दिल्ली: BJP युवा मोर्चा ने 'शक्ति दिवस' के रूप में मनाया PM मोदी का जन्मदिन, 69 किलो लड्डू से बना केक काटा


PM मोदी से मिलने के लिए ममता बनर्जी ने मांगा समय, इन मुद्दों पर चर्चा की उम्मीद