पटना: बिहार में सभी नदियां उफान पर हैं और उत्तर बिहार को एक बार फिर से बाढ़ का खतरा सताने लगा है. दरअसल बिहार और नेपाल के कुछ हिस्सों में पिछले एक हफ्ते से हो रही लगातार बारिश की वजह से उत्तर बिहार के कई हिस्से जलमग्न हो चुके हैं, नदियां खतरे के निशान के करीब पहुंच चुकी हैं. उत्तर बिहार एक बार फिर बाढ़ की चपेट में जाता हुआ नजर आ रहा है. भारत-नेपाल सीमा पर बने कोसी बराज पर फिलहाल पानी की रफ्तार 3 लाख 7 हजार क्यूसेक है, जो इस मौसम में सबसे ज्यादा है.
नेपाल में हो रही बारिश की वजह से आने वाले दिनों में 'बिहार का शोक' कही जाने वाली कोसी नदी में पानी का लेवल बढ़ रहा है, जिससे उत्तर बिहार बाढ़ की चपेट में आ सकता है.
कोशी बराज एसडीओ लाला दास ने कहा, ''नेपाल से जो भी पानी आता है वो सीधे नीचे की ओर जाता है, बराज में पानी को रोका नहीं जाता बल्कि रेग्युलेट किया जाता है. बराज में जो 56 गेट लगे हुए हैं वो पानी को रोकने के लिए नहीं बल्कि पूर्वी और पश्चिमी नहर में पटवन के लिए डाइवर्ट करने के लिए हैं. नेपाल में अभी बारिश हुई है तो संभावना है कि आगे भी पानी का प्रवाह बढ़ेगा, सुबह से पानी की रफ्तार बढ़ ही रही है.''
कोसी के अलावा बागमती, कमला बलान और महानंदा नदियां उफान पर हैं. गंगा में भी लगातार पानी की वृद्धि हो रही है. बाढ़ की आहट से राज्य के कई इलाकों के लोगों की परेशानी बढ़ने लगी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी शुक्रवार को संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की.
मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को नदियों के जलस्तर पर नजर बनाए रखने का निर्देश दिया है, वहीं बांधों की स्थिति पर भी निगरानी रखने की ताकीद की है. उन्होंने जल संसाधन विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग को संभावित सभी परिस्थितियों से निपटने के लिए आपस में समन्वय बनाए रखने का भी निर्देश दिया है.
जल संसाधन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, बाढ़ की समस्या के निदान के लिए राज्य में कोसी, कमला और बागमती नदियों पर जलाशय बनवाए गए हैं, ताकि नदियों से आने वाली गाद को रोका जा सके. बाढ़ के मामले में संवेदनशील स्थलों को पहचान कर कुल 208 बाढ़ सुरक्षात्मक योजनाओं की स्वीकृति जल संसाधन विभाग ने दी थी. इसमें से 202 योजनाएं पूरी कर ली गई हैं.
बाढ़ से बचाव के लिए आधुनिक तकनीक के उपयोग के जरिए 72 घंटे पहले अनुमान लगाने की व्यवस्था है. जल संसाधन विभाग के मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि बाढ़ से बचाव की सारी तैयारियां की जा चुकी हैं, और विभाग पूरी तरह अलर्ट पर है.
नेपाल में बाढ़ की स्थिति
नेपाल की कई नदियों में आई बाढ़ के कारण मरने वाले वालों की संख्या शनिवार को 28 तक पहुंच गई और 16 लोग अब भी लापता हैं. यहां मानसून की भारी बारिश के कारण कई इलाकों में बाढ़, भूस्खलन का खतरा पैदा हा गया है और सभी मुख्य राजमार्गों पर यातायात प्रभावित हुआ है.
कई नदियों के तटबंधों को नुकसान पहुंचा है जिससे उनके किनारे रहने वाले लोगों के समक्ष संकट की स्थिति बन गई है. नेपाल पुलिस के न्यूज बुलेटिन में कहा गया है कि बारिश से आई आपदा की वजह से देश में कम से कम 28 लोगों की मौत हो गई है और कम से कम 10 लोग घायल हो गये. 16 लोग लापता हैं.