पश्चिम बंगाल चुनाव के बाद सोशल मीडिया में फर्जी वीडियो और पोस्ट्स की बाढ़ सी आ गई है. यहां तक कि ब्राजील, वेलेजुएला और बांग्लादेश में हुई घटनाओं के पुराने वीडियो भी पश्चिम बंगाल चुनाव के बाद की हिंसा से जोड़कर सोशल मीडिया पर अपलोड किए जा रहे हैं. पश्चिम बंगाल पुलिस के दखल से पिछले चार दिनों में ऐसे 500 से ज्यादा फर्जी पोस्ट्स को डिलीट किया गया है. ये पोस्ट्स “पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा” या “पश्चिम बंगाल में हिंदू नरसंहार” जैसे शीर्षकों से प्रसारित की जा रही थीं.


पुराने व दूसरे स्थानों के वीडियो को बंगाल हिंसा से जोड़ा जा रहा है


पश्चिम बंगाल की सीआईडी पुलिस ने ट्विटर के एक वेरिफाईड यूजर के ट्वीट की लिंक को शेयर किया है. इस यूजर ने लाठियों से पीटे जा रही एक शख्स का वीडियो पोस्ट किया जिसमें इस पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा से जुड़े होने का दावा किया गया. असल में ये वीडियो ब्राजील का है और कम से कम तीन साल पुराना है. इसी प्रकार बंगाल में "टीएमसी के गुंडों द्वारा एक राजनैतिक कार्यकर्ता को पीटे जाने का वीडियो" शेयर किया गया है, जो वास्तव में वेलेजुएला का है और तीन साल पहले 2018 में बनाया गया था.


सीआईडी ने किया फेसबुक, ट्विटर और यू-ट्यूब से संपर्क


पुलिस की जानकारी में इस प्रकार के सैकडों फर्जी वीडियो आ चुके हैं. पुलिस ने फेसबुक, ट्विटर और यू-ट्यूब जैसे कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से संपर्क किया है और फर्जी व भ्रामक प्रचार करने वाली कई सोशल मीडिया एकाउंट्स को बंद करवा दिया है. पुलिस के अनुसार कुछ इलाकों में इस प्रकार के फर्जी पोस्ट्स और वीडियोज का जोर ज्यादा है. अकेले कूच बिहार में राज्य पुलिस को इस प्रकार की 5 से ज्यादा FIR दर्ज करनी पड़ी हैं.


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