गुवाहाटी: असम में बाढ़ और भूस्खलन में चार और लोगों की मौत होने के साथ राज्य में इस प्राकृतिक आपदा की स्थिति रविवार को और गंभीर हो गई. राज्य के 24 जिलों में इससे करीब 13 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. एक सरकारी रिपोर्ट में यह कहा गया है. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा कि नौगांव जिले के कामरूप और कालियाबोर राजस्व क्षेत्रों में बाढ़ में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है जबकि सोनापुर इलाके में भूस्खलन में दो लोगों की मौत हो गई.
राज्य में बाढ़ और भूस्खलन से अब तक 70 लोगों की जान गई है. इनमें 44 लोगों की बाढ़ में जबकि 26 की मौत भूस्खलन में हुई है. जोराबाट में भूस्खलन होने के बाद गुवाहाटी यातायात पुलिस ने वाहनों के आवागमन को लेकर अलर्ट जारी किया है.
गुवाहाटी यातायात पुलिस ने कहा, ‘‘कल भारी बारिश होने के चलते राष्ट्रीय राजमार्ग 37 पर जोरबाट में भूस्खलन हुआ. सुरक्षा कारणों को लेकर इस मार्ग के एक ट्रैक पर यातायात बंद है. संबद्ध एजेंसियां काम पर लगी हुई हैं.’’
बारपेटा में बाढ़ से सबसे ज्यादा लोग प्रभावित
प्राधिकरण ने कहा कि धीमाजी, लखीमपुर, विश्वनाथ, सोनितपुर, उदलगुरी, दरांग, बक्सा, नलबारी, बारपेटा, चिरांग, बोंगाईगांव, कोकराझार, धुबरी, गोलपारा, कामरूप, मोरीगांव, नौगांव, पश्चिमी कार्बी आंगलांग, गोलघाट, जोरहाट, माजुली, शिवसागर, डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया जिलों में 12.97 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. बारपेटा सर्वाधिक प्रभावित जिला है जहां 3.84 लोग प्रभावित हुए हैं. इसके बाद धीमाजी में करीब 1.31 लाख और गोलाघाट में 1.08 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं.
शनिवार तक 20 जिलों में बाढ़ से 6.01 से अधिक लोग प्रभावित हुए थे. प्राधिकरण ने कहा कि 2,015 गांव जलमग्न हैं और 82,546.82 हेक्टेयर क्षेत्र में लगी फसल को नुकसान पहुंचा है. इसने यह भी कहा कि 16 जिलों में 224 राहत शिविर और वितरण केंद्र चलाये जा रहे हैं, जहां 21,071 लोगों ने शरण ले रखी है.
खतरे के निशान के ऊपर बह रही है ब्रह्मपुत्र नदी
गुवाहाटी, डिब्रूगढ़, धुबरी और गोलपारा शहरों के अलावा जोरहाट जिले में नीमाटीघाट और सोनितपुर जिले में तेजपुर में ब्रह्मपुत्र नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इसकी सहायक नदियां, सुबनसारी, धनसीरी, जिया भराली, कोपिली, पुतिमारी और पगलादिया भी कुछ स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इसकी कुछ अन्य सहायक नदियां भी- मानस, बेकी और संकोश भी कुछ स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
प्राधिकरण ने कहा कि विश्वनाथ, सोनितपुर, नौगांव, उदलगुरी, चिरांग और बक्सा जिलों में व्यापक स्तर पर भूमि का कटाव हुआ है. बाढ़ से काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में 223 शिविरों में से 126 प्रभावित हुए हैं। जबकि पबित्रा वन्यजीव अभ्यारण्य में 25 में से 24 तथा राजीव गांधी ओरांग राष्ट्रीय उद्यान में 40 में से 28 शिविर प्रभावित हुए हैं. बुलेटिन के मुताबिक 41 वन्य जीव मारे गये हैं जबकि 49 अन्य को काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में बचा लिया गया.
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