नई दिल्ली: देश के कई हिस्सों में बाढ़ ने तबाही मचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. बड़े पैमाने पर फसलों और संपत्ति को नुकसान हुआ है. राहत और बचाव के कार्य में एनडीआरएफ व सेना की भी मदद लेनी पड़ रही है. मध्य प्रदेश के अधिकतम जिलों में सामान्य से अधिक बारिश होने के कारण बाढ़ के हालात बन गए हैं. यूपी में गंगा और यमुना समेत कई नदियां उफ़ान पर हैं. बिहार में गंगा सहित कई प्रमुख नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी के बाद पटना के कई इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है.


उत्तर प्रदेश में हालत विकट


उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में बाढ़ के हालत विकट हो गए हैं. पूर्वांचल के ज्यादातर बड़े जिले बाढ़ में डूबे हुए हैं. वाराणसी से लेकर प्रयागराज तक पानी ही पानी है. गांव टापू बन गए हैं. सड़क पर नावें चलने लगीं हैं. हालात की गंभीरता ऐसी है कि हफ्ते में दूसरी बार सीएम योगी आदित्यनाथ को बाढ़ की आपदा का जायजा लेने के लिए निकलना पड़ा है. 17 सितंबर को भी योगी ने बलिया के हालात का जायजा लिया था. आज भी योगी ने बाढ़ प्रभावित जिलों का हवाई दौरा किया है. वाराणसी में गंगा नदी खतरे के निशान से 34 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. हर घंटे करीब एक सेंटीमीटर पानी का स्तर बढ़ रहा है. जलस्तर आज सुबह 71.60 मीटर पर पहुंच गया था.


प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. बाढ़ की वजह से पांच लाख से ज्यादा आबादी प्रभावित है. एनडीआरएफ ने जगह-जगह से दो हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला और उन्हें बाढ़ राहत शिविरों में पहुंचाया है. प्रशासन ने सेना को अलर्ट पर रखा है. बाढ़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने 21 सितंबर तक 12वीं तक के सभी स्कूल बंद कर दिए हैं. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य बाढ़ की विपदा का जायजा ले चुके हैं.


बिहार में एक बार फिर बाढ़ की स्थिति


बिहार में एक बार फिर बाढ़ की स्थिति बन गई है. गंगा सहित कई प्रमुख नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी के बाद पटना के कई इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. पटना में गंगा नदी अपने किनारों को छोडकर गांवों की ओर बढ़ रही है. शुक्रवार को भी गंगा, गंडक और बागमती कई क्षेत्रों में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी गुरुवार शाम पटना में बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लेने पहुंचे. मुख्यमंत्री शुक्रवार को भी बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे.


कटिहार में महानंदा नदी में अचानक आया सैलाब आ गया है. छपरा में गंगा और सरयू नदी में पानी बढ़ने से कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. तेजी से बढ़ रहे पानी के डर से लोग सड़कों पर रहने को मजबूर हैं. गंगा के बढ़ते जलस्तर से बिहार के बक्सर में कई गांव बाढ़ की चपेट में हैं. गंगा के उफान के कारण भागलपुर और मुंगेर में भी बाढ़ का पानी गांवों में प्रवेश करने लगा है.


मध्य प्रदेश में 225 लोगों की जान जा चुकी है


मध्य प्रदेश में अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण राज्य में अब तक 225 लोगों की जान जा चुकी है. सरकार की तरफ जारी बयान के अनुसार, प्रदेश के 52 में से 36 जिलों में भारी नुकसान हुआ है. अति वर्षा से लगभग 24 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में 22 लाख किसानों की 9 हजार 600 करोड़ रुपये की खरीफ फसल प्रभावित हुई है. प्रदेश में मकानों को हुई क्षति लगभग 540 करोड़ रुपये की है. इसी क्रम में सड़कों की क्षति का अनुमान 1566 करोड़ रुपये और लगभग 200 करोड़ रुपये का अन्य नुकसान भी हुआ है. अब तक कुल 11 हजार 906 करोड़ रुपये की क्षति हुई है. प्रदेश में बाढ़ और आकाशीय बिजली से 225 लोगों की मृत्यु हुई है, और लगभग 1400 से अधिक जानवरों की मौत हुई है.


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