नई दिल्ली: आसमान से बरस रही आफत की वजह से धरती पर जिंदगी संकट में फंस रही है. बाढ़ की वजह से सिर्फ गुजरात में ही सात हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगह शिफ्ट किया गया है. वहीं, असम में 60 हजार लोग प्रभावित हैं.


देश भर में बाढ़ से अबतक 76 लोगों की मौत, आधे हिंदुस्तान में भारी तबाही मचा रही है बारिश


गुजरात के जूनागढ़ के मालिया और मियाणा इलाके में चारों ओर पानी ही पानी नजर आ रहा है. यहां मच्छू बांध पूरी तरह पानी से भर गया है जिससे करीब 10 गांव जलमग्न हो गए हैं और फसलें खराब हो चुकी हैं. सेना के हेलिकॉप्टर और एनडीआरएफ की मदद से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. कई इलाकों में जानवरों के पानी में बह जाने की खबर है.



मालिया और मियाणा में रेलवे लाइन पर पानी भर गया है, जिससे यात्रियों को काफी दिक्कत हो रही है. वहीं हाइवे पर भी कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया है. हालात ये हैं कि करीब दो हजार से ज्यादा ट्रकों की रफ्तार पर ब्रेक लग गया है.



गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले में भोगावी नदी का उफान सबकुछ बहा ले जाने को आतुर है. इसके कटान से मिट्टी के घर कैसे घरौंदों की तरह ढह गए. धार इतनी तेज है कि भरे-पूरे पेड़ देखते-देखते जड़ से उखड़कर बह गए. यहा 48 घंटे में दस इंच बारिश हुई है.


सबसे बुरा हाल सुरेंद्नगर के चोटिला इलाके का है, जहां सबसे ज्यादा 14 इंच बारिश रिकॉर्ड हुआ है. गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी सुरेंद्रनगर का हेलिकॉप्टर से जायजा लिया और अधिकारियों को राहत और बचाव काम से जुड़े कई निर्देश दिए. कई जगहों पर हालात बिगड़ने के बावजूद लोग अपने घर छोड़ने पर राजी नहीं दिखे. एनडीआरएफ की टीम उन्हें भी समझा बुझाकर सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचा रही है. सुरेंद्र नगर में अबतक छह हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा चुका है.


 


गुजरात से सटे राजस्थान के कई हिस्सों में भी लगातार बारिश हो रही है. माऊंट आबू में पिछले 19 घंटे में 21 इंच से ज्यादा बारिश हुई है. इस धुंआधार बारिश से शहर का नक्की झील लबालब हो उठा है. नक्की झील का जलस्तर एक दिन में ही छह फुट बढ़ गया है. माउंट आबू का कोदरा डेम भी लबालब भर चुका है. इससे शहर के रिहायशी इलाकों में भी पानी घुस आया है.



उत्तर प्रदेश के रामपुर में दो अलग अलग घटनाओं में तीन बच्चों की डूबने से मौत हो गयी. दो बच्चे तहसील स्वार में कोसी नदी में डूब गये, जबकि एक बच्चा रामपुर की तहसील बिलासपुर में भाकड़ा नदी में डूब कर मर गया. दोनों हादसों में में मासूमों की जान जाने से परिवारों में कोहराम मचा हुआ है. गोता खोरों ने डूबने वाले बच्चों के शव नदी से निकाले. प्रशासनिक अधिकारियो ने लोगों को नदी से दूर रहने की सलाह दी है.



मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के कंवला गांव में तेज बारिश के बाद उफन रही चंबल नदी से एक मगरमच्छ कल रात निकलकर कंवला गांव के एक घऱ में जा छिपा. सुबह घरवालों की आंख खुली तो उनकी नजर मगरमच्छ पर पड़ी और फिर कोहराम मच गया.


खबर देने के बाद भी वनविभाग की टीम नहीं पहुंची तो गांववालों ने हिम्मत जुटाकर खुद ही मगरमच्छ को काबू करने में जुट गए. दो घंटे की मशक्कत के बाद मगरमच्छ पकड़ में आया. गांववालों ने इंसानियत दिखाते हुए मगरमच्छ की जान नहीं ली. बल्कि उसे सुरक्षित चंबल नदी में छोड़ आए.