Manipur Floods: हिंसा के बाद अब बाढ़ ने मचाई मणिपुर में तबाही, मसीहा बनी आर्मी, जानें कैसे बचाई लोगों की जान
Imphal Floods: मणिपुर की इंफाल घाटी में भारी बारिश के बाद बाढ़ आ गई है. इससे लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं. इंफाल नदी के उफान पर होने से कई इलाकों में पानी जमा है. सैकड़ों घरों में पानी घुसा हुआ है.
Manipur Floods News: मणिपुर के लोगों के लिए भारतीय सेना एक बार फिर मददगार साबित हुई है. सेना की कोशिशों ने बाढ़ से पीड़ित मणिपुर के लोगों को काफी राहत पहुंचाई है. दरअसल, भारतीय सेना के इंजीनियरों ने इंफाल नदी के तट पर 2 बड़ी दरारों (किनारों) को बहुत ही कम समय में भर दिया है. इन दरारों की वजह से इंफाल ईस्ट में भयंकर बाढ़ आई थी.
जानकारी के मुताबिक, दो दरारों को सफलतापूर्वक भरने के बाद अब कोंथा खाबम में 22-25 मीटर की तीसरी दरार को बंद करने की भी कोशिशें जारी हैं. सेना बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने का भी काम कर रही है. हजारों लोगों को रेस्क्यू किया गया है. हालांकि बाढ़ से तीन लोगों की मौत की खबर सामने आई है.
#IndianArmy Engineers plugged 2 major breaches on the banks of Imphal River, that caused severe floods in Imphal(E), #Manipur.
— PRO Defence, Manipur, Nagaland & South Arunachal (@prodefkohima) May 30, 2024
Efforts to close the 3rd breach of 22-25 meters are in progress, at Kontha Khabam.#ManipurFloods@SpokespersonMoD @adgpi @easterncomd @MyGovManipur pic.twitter.com/MEYF4Mye71
इंफाल नदी की वजह से 86 इलाकों में बाढ़
बता दें कि मणिपुर की इंफाल घाटी में भारी बारिश के बाद बाढ़ आ गई है. इससे लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं. इंफाल नदी के उफान पर होने से कई इलाकों में पानी जमा है. सैकड़ों घरों में पानी घुसा हुआ है. लोग घर छोड़कर रहने को मजबूर हो रहे हैं. इंफाल नदी के उफान की वजह से इंफाल पश्चिम जिले के खुमान लम्पक, नगरम, सागोलबंद, उरीपोक, केसामथोंग और पाओना इलाकों सहित कम से कम 86 इलाकों में पानी कमर से ऊपर तक जमा है. लगातार हो रही बारिश की वजह से इंफाल ईस्ट जिले के केरांग, खाबाम और लैरीयेंगबाम लेइकाई इलाकों के पास इंफाल नदी का किनारा टूट गया है.
सीएम ने लोगों को दिया आश्वासन
मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह लगातार लोगों को आश्वासन दे रहे हैं. सीएम ने गुरुवार (30 मई 2024) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “हम स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं और जल संसाधन विभाग (डब्ल्यूआरडी) और राष्ट्रीय जलविद्युत निगम (एनएचपीसी) की सलाह से आगे कोई भी रास्ता खोला जाएगा. हमारी आधिकारिक टीमें इस स्थिति को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चौबीसों घंटे अथक प्रयास कर रही है.”
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