Himachal Landslide: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश ने मचाई तबाही, बाढ़ और लैंडस्लाइड में अबतक 22 की मौत, कई लापता
Himachal Pradesh : राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के निदेशक सुदेश कुमार मोख्ता ने कहा, भारी बारिश की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान मंडी, कांगड़ा और चंबा जिले में हुआ है.
Himachal Pradesh Rainfall: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में बादल फटने (cloud burst) की वजह से भारी लैंडस्लाइड (landslide) हुआ. राज्य में पिछले 24 घंटे में भारी बारिश (Heavy Rain) के कारण हुए लैंडस्लाइड, बाढ़ और बादल फटने की घटनाओं में 22 लोगों की मौत हो गई, जबकि 6 लोग लापता हो गए. वहीं, 12 व्यक्ति घायल हो गए हैं. इस बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कांगड़ा, चंबा, बिलासपुर, सिरमौर और मंडी जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. राज्य के आईएमडी उपनिदेशक बुई लाल ने बताया, 'अगले 5 दिनों में मध्यम से भारी बारिश देखने को मिलेगी. पूरे राज्य के लिए अगले 12 घंटे के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, 24 अगस्त तक बाकी दिनों के लिए येलो अलर्ट जारी.'
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के निदेशक सुदेश कुमार मोख्ता ने कहा, भारी बारिश की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान मंडी, कांगड़ा और चंबा जिले में हुआ है. उन्होंने बताया कि राज्य में पिछले 24 घंटे के दौरान मौसम की वजह 36 घटनाएं दर्ज की गई हैं. सुदेश कुमार मोख्ता ने आगे कहा, मंडी में मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग और शोघी में शिमला-चंडीगढ़ राजमार्ग समेत 743 सड़कों को जलभराव की वजह से आवाजाही बंद कर दिया गया है.
अकेले मंडी जिले में 13 की मौत
उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने बताया कि अकेले मंडी जिले में बाढ़ और भूस्खलन के कारण 13 लोगों की मौत हो गई और पांच लापता हो गए. उन्होंने बताया कि गोहर विकास खंड के काशान गांव में एनडीआरएफ और पुलिस द्वारा चार घंटे तक चलाये गये तलाशी अभियान के बाद एक परिवार के आठ सदस्यों के शव उनके घर के मलबे से निकाले गए. उन्होंने बताया कि यह मकान भूस्खलन में ढह गया था.
बाघी नाले में एक लड़की का शव मिला
उपायुक्त के मुताबिक, मंडी में शुक्रवार रात मंडी-कटोला-पराशर मार्ग पर बाघी नाले में एक लड़की का शव उसके घर से करीब आधा किलोमीटर दूर बरामद किया गया. उन्होंने बताया कि बाढ़ में लड़की के परिवार के पांच सदस्यों के भी बह जाने की सूचना है. उन्होंने कहा कि बादल फटने के बाद कई परिवारों ने बागी और पुराने कटोला क्षेत्रों के बीच स्थित अपने घरों को छोड़कर अन्य सुरक्षित स्थानों पर शरण ली है. मोख्ता ने बताया कि शिमला के थियोग में वाहन पर पत्थर गिर जाने से दो लोगों की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए. मोख्ता ने बताया कि चंबा के चौवारी के बनेत गांव में तड़के करीब साढ़े चार बजे भूस्खलन के बाद मकान ढहने से से तीन लोगों की मौत हो गयी.
कांगड़ा में एक 'कच्चा' घर ढह गया
अधिकारियों ने कहा कि कांगड़ा में एक 'कच्चा' घर ढह गया, जिसमें नौ साल के बच्चे की मौत हो गई. इस बीच, हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में शनिवार को चक्की पुल ढह जाने के बाद पठानकोट और जोगिंदरनगर के बीच रेल सेवा निलंबित कर दी गईं हैं. उन्होंने कहा कि रेलवे अधिकारियों ने पुल को असुरक्षित घोषित कर रखा था और पंजाब के पठानकोट से हिमाचल प्रदेश के जोगिंदरनगर तक 'नैरो गेज ट्रैक' पर ट्रेन सेवा को निलंबित कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि हमीरपुर में अचानक आई बाढ़ में फंसे 30 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है.
सीएम ने लोगों की मौत पर जताया दुख
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया और कहा कि प्रशासन प्रभावित जिलों में युद्धस्तर पर बचाव अभियान चला रहा है. हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता ने कहा, मंडी में मनाली-चंडीगढ़ राजमार्ग और शोघी में शिमला-चंडीगढ़ राजमार्ग समेत 743 सड़कों को जलभराव के कारण यातायात के लिए बंद कर दिया गया है.
बुनियादी जरूरतों की आपूर्ति बाधित
पुलिस (Police) ने बताया कि शोघी (Shoghi) और तारा देवी (Tara Devi) के बीच सोनू बांग्ला (Sonu Bangla) में भूस्खलन (landslide) के बाद चंडीगढ़-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग (Chandigarh-Shimala Natioanl High-way) पर आवाजाही बंद. उन्होंने कहा कि पत्थर अब भी गिर रहे हैं और शोघी-मेहली बाईपास से यातायात को परिवर्तित किया गया है. इस बीच राज्य के कई हिस्सों में पानी (Water) और बिजली (Light) की आपूर्ति ठप हो गई है. यहां एक बैठक में राज्य के मुख्य सचिव आर.डी. धीमान ने संबंधित विभागों को सड़कों पर से मलबा साफ करने का निर्देश दिया ताकि बुनियादी जरूरतों की आपूर्ति बाधित न हो. उन्होंने भारी बारिश से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए वीडियोग्राफी कराने और प्रभावित लोगों को आश्रय देने के भी आदेश दिए. प्रमुख सचिव (राजस्व) ने मुख्य सचिव को बताया कि राज्य आपदा मोचन कोष से जिलों को 232.31 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं और राहत और पुनर्वास कार्य के लिए सभी जिलों के पास पर्याप्त राशि उपलब्ध है.
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