नई दिल्लीः मौजूदा बाढ़ संभावित असम, बिहार और उत्तर प्रदेश के अलावा, 10 और राज्यों में अत्यधिक बाढ़ (पिछले उच्चतम बाढ़ स्तर से ऊपर का जलस्तर) देखी गई है. सोमवार को यह जानकारी संसद को दी गई. जल शक्तिमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एलजेडी सदस्य एम.वी. श्रेयस कुमार के सवाल का जवाब देते हुए कहा, ये राज्य केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) नोडल एजेंसी है जिसे देश में बाढ़ की भविष्यवाणी और बाढ़ की पूर्व चेतावनी का काम सौंपा गया है. वर्तमान में, यह 23 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में 20 प्रमुख नदी घाटियों को कवर करते हुए 328 पूर्वानुमान स्टेशनों (190 नदी स्तर पूवार्नुमान स्टेशनों और 138 बांध/बैराज अंतर्वाह पूवार्नुमान स्टेशनों) के लिए बाढ़ पूवार्नुमान जारी करता है.
सीडब्ल्यूसी देश के बाढ़ क्षति के आंकड़ों को भी बनाए रखता है, जिसके अनुसार, 2017-2019 के दौरान बाढ़ के कारण अधिकतम नुकसान असम, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, गुजरात, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, केरल और कर्नाटक में हुआ था.
बता दें कि महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में बाढ़, भूस्खलन और बारिश से जुड़ी अन्य घटनाओं के कारण मृतकों की संख्या बढ़कर 149 हो गई, जबकि 100 लोग लापता हैं. वहीं हिमाचल प्रदेश के कन्नूर जिले में रविवार को हुए भूस्खलन में नौ लोगों की मौत हो गई. कर्नाटक में बाढ़ के हालात अब भी गंभीर बने हुए हैं और बीते दो दिनों में 10 लोगों की मौत बारिश संबंधी हादसों में हो चुकी है जबकि दो लोग लापता बताए जा रहे हैं.
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